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60 सालों से सिर्फ मंदिर का प्रसाद खाता है ये मगरमछ

60 सालों से सिर्फ मंदिर का प्रसाद खाता है ये मगरमछ
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चिड़ियाघर में अगर आपसे पूंछा जाय कि शेर के बाद अगर कोई जानवर आपको डराता है तो आप किस का नामा लेंगे. जहाँ तक होगा आप भी मगरमच्छ का ही नाम लेंगें. पानी में डूबता हुआ आदमी एक बार फिर भी पानी से बचकर बाहर आ सकता है, लेकिन पानी में मगरमछ हों तो खैर नहीं. अक्सर फिल्मों में हम देखते हैं कि कैसे पल भर में लंबे-चौड़े आदमी को वो चट कर जाता है. शायद इसलिए मगरमछ से सभी खौफजदा होते हैं. पर अगर आप किसी ऐसे मगरमछ के बारे में सुनें, जो किसी को नुकसान नहीं पहुंचाता, जिससे लोग डरते नहीं बल्कि प्यार करते हैं तो आपके मन में उस खतरनाक जानवर की छवि बदल जाएगी.


जी हाँ अब हम आपको एक ऐसे मगरमच्छ के बारे में बताते है जो सिर्फ और सिर्फ वेजिटेरियन है. जी हां बबिया मांस नहीं सिर्फ मंदिर की प्रसाद खाता है. भगवान के भोग में उपयोग किया हुआ गुड़ और चावल ही बबिया का खाना होता है.


प्रकृति कई चमत्कारों की जननी है, उसमें हर चीज को बदलने की ताकत होती है. ऐसा ही एक उदाहरण ये भी है, जिसने एक खतरनाक जानवर का स्वभाव बदल दिया. बबिया पिछले 60 साल से इसी प्रसाद को खाकर जीवित है. मंदिर के पूजारी बबिया के पास आकर बड़े प्यार से प्रसाद खिलाते हैं और बबिया बड़े चाव से उसे खाकर फिर से तालाब में लौट जाता है. यहां तक कि तालाब में रहने वाली मछलियां भी उसके सामने बेखौफ घूमती हैं.

बबिया को देखने के लिए दुनिया के कोने-कोने से लोग यहां आते हैं. बबिया का शांत स्वभाव सभी को हैरत में डाल देता है. जी हाँ जब हम मांस खाने को लेकर रोज झगड़ते हों उस समय में एक मगरमच्छ वेजिटेरियन हो तो इससे बड़ी शर्म की बात क्या होगी.

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