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बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री जीतनराम मांझी को हिन्दुस्तानी अवाम मोर्चा (हम) के विद्रोही गुट ने राष्ट्रीय अध्यक्ष पद से बर्खास्त कर दिया है और गजेंद्र मांझी को नया अध्यक्ष नियुक्त किया है। हम के विरोधी धड़े ने रविवार (18 मार्च) को पटना के अभियंता भवन में महासम्मेलन कर यह घोषणा की है। अब माना जा रहा है कि विरोधी धड़ा का सोमवार को नीतीश कुमार की अध्यक्षता वाली जनता दल यूनाइटेड में विलय कर दिया जाएगा। बता दें कि जब जीतनराम मांझी ने एनडीए से अलग होकर महागठबंधन में शामिल होने का एलान किया था तब पूर्व मंत्री नरेंद्र सिंह के गुट ने विद्रोह कर दिया था।
महासम्मेलन में नरेंद्र सिंह ने अपने गुट को असली हम करार दिया और कहा कि पार्टी पुरानी नीतियों पर कायम है और अभी भी एनडीए का घटक दल है। नरेंद्र सिंह ने कहा कि उनके दल का विपक्षी महागठबंधन से कोई संबंध नहीं है। नरेंद्र सिंह ने कहा कि उन्होंने कभी नीतीश कुमार का इसलिए विरोध किया था क्योंकि नीतीश कुमार ने जीतनराम मांझी को मुख्यमंत्री पद से हटा दिया था लेकिन अब लगता है कि उनका यह फैसला गलत था। नरेंद्र सिंह ने मांझी पर आरोप लगाया कि उन्होंने पार्टी के साथ गद्दारी और धोखेबाजी की है। इस बीच हम प्रवक्ता दानिश रिजवान ने नरेंद्र सिंह को पागल करार दिया है।
बता दें कि साल 2015 में बिहार विधान सभा चुनाव से पहले जदयू के बागी नेताओं ने मिलकर हम पार्टी बनाई थी और जीतनराम मांझी को पार्टी अध्यक्ष बनाया गया था। हम उस वक्त एनडीए में शामिल हो गई थी। बाद में पार्टी के संस्थापकों में शामिल रहे पूर्व मंत्री नीतीश मिश्र हम छोड़ बीजेपी में शामिल हो गए थे जबकि पूर्व मंत्री शाहिद अली खान का कुछ महीने पहले हार्ट अटैक से निधन हो गया था। वृषिण पटेल मांझी गुट में हैं जबकि नरेंद्र सिंह ने महागठबंधन की तरफ जाने से इनकार कर दिया। बता दें कि नरेंद्र सिंह जमुई के कद्दावर नेता हैं। लालू सरकार में भी वो मंत्री रह चुके हैं। नीतीश सरकार में भी वो कृषि मंत्री रह चुके हैं। माना जा रहा है कि नरेंद्र सिंह फिर से नीतीश कुमार की पार्टी में शामिल हो जाएंगे
शिव कुमार मिश्र
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