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मुख्यमंत्री नीतीश कुमार को झटका

Alok Mishra
29 May 2018 1:16 PM IST
मुख्यमंत्री नीतीश कुमार को झटका
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बिहार : बिहार के मुख्यमंत्री नितीश कुमार मोदी सरकार की चौथी सालगिरह पर दिए अपने बयान की वजह से बैंकरों के निशाने पर आ गए है ।ख़ास बात तो ये है कि नितीश कुमार ने ये बयान बैंकरों के ही कार्यक्रम में में दिया था । ये बयान उस वक़्त दिया जब वह बैंकरों के ही कार्यक्रम में मुख्य अतिथि के रूप में पहुंचे थे । अब बैंकर्स नितीश को निशाना बना रहे है और नितीश उसकी कीमत भी चुका रहे है लेकिन मजेदार बात ये है कि ये सब कुछ वर्चुअल दुनिया में हो रहा है । मतलब न धरना-प्रदर्शन,न नारेबाजी और ना हड़ताल लेकिन मुख्यमंत्री को इसकी तपिश झेलनी पड रही है ।

नीतीश ने क्या दिया था बयान
मुख्यमंत्री नीतीश ने पटना में राज्यस्तरीय बैंकर्स समिति द्वारा आयोजित 64वीं त्रैमासिक समीक्षा बैठक में कहा था, 'देश में विकास के लिए जो धनराशि सरकार मुहैया कराती है, उसके सही आवंटन के लिए बैंकों को अपने तंत्र सुदृढ़ करने होंगे।बैंक 'ऑटोनोमस' है, ऊपर से नीचे तक इन चीजों को देखना होगा.' नीतीश ने नोटबंदी की विफलता के लिए बैंकों को जिम्मेदार ठहराया। उन्होंने कहा कि बैंकों की भूमिका के कारण नोटबंदी का लाभ जितना मिलना चाहिए था, उतना नहीं मिला।
फेसबुक पर लिया बैंकरों ने बदला
नितीश के बयान से नाराज लोगों ने सोशल मीडिया खासकर फेसबुक पर नितीश कुमार के खिलाफ मुहीम छेड़ दी है ।इनमे ज्यादातर बैंककर्मी ही है ।देश के अलग -अलग राज्यों, बैंको में काम करने वाले लोगो ने नितीश कुमार के ऑफिसियल फेसबुक पेज की रेंटिंग घटाना शुरू कर दिया है ।पिछले दो दिन में 16 हजार लोगों ने नीतीश कुमार के फेसबुक पेज को 1 रेटिंग दी है। इसका नतीजा ये हुआ कि बिहार के मुख्यमंत्री के फेसबुक पेज की रेटिंग 4.8 से घटकर 1 रह गई है।
रेटिंग घटने का क्या है मतलब
एक्सपर्ट मुन्ज़िर अहमद के मुताबिक़ किसी भी फेसबुक पेज पर रेंटिंग का एक सिस्टम होता है । पेज एडमिन चाहे तो इसे पब्लिक कर सकता है या हटा सकता है । अगर ये पब्लिक है तो कोई भी फेसबुक यूजर पेज को रेटिंग दे सकता है । यह स्टार रेटिंग होती है और इसमें 1 से लेकर 4 स्टार तक होते है पेज की स्टार रेटिंग इस बात पर निर्भर करती है कि कितने यूजर्स ने कितने स्टार दिए है । उदाहरण के तौर पर ज्यादातर यूजर्स इस पेज को 1 स्टार दे रहे है तो यहां सिर्फ एक ब्लू स्टार दिखेगा । इसे क्लिक करने से आप उन लोगो को भी देख पाएंगे जिन्होंने स्टार रटेटिंग दी है और कमेंट किया है ।
रेटिंग घटाने का कारण भी बता रहे हैं बैंकर्स
ऐसा नहीं है कि पेज को कम रेटिंग करने वाले लोग यह काम दबे-छुपे कर रहे हैं। वो ऐसा करने की वजह भी बता रहे हैं। ज्यादातर लोग ऐसा करते हुए अपनी बात बतौर कमेंट वहां लिख रहे हैं और उन्हीं में से कुछ के अकाउंट चेक करने से यह बात सामने आती है कि ऐसा करने वालों में बड़ी संख्या बैंक कर्मियों की है।
कैसे-कैसे कमेंट कर रहे हैं यूजर
यूनियन बैंक ऑफ इंडिया के डिप्टी ब्रांच हेड रंजीत यादव ने नीतीश कुमार के पेज को 1 रेटिंग दी है वो लिखते हैं, 'महोदय...शायद आप जैसों के लिए ही कहा गया है "पर उपदेश कुशल बहुतेरे"...बैंकरों पर कोई तोहमत लगाने से पहले कभी अपना दामन भी देख लिए होते'
इलाहाबाद बैंक में मैनेजर सुनैना शर्मा भी गुस्से में हैं. उन्होंने लिखा, 'मिस्टर मुख्यमंत्री अपनी जानकारी सही कर लीजिए। अपनी खराब योजना का भार बैंकर्स पर मत डालिए। आपको बैंकर्स के द्वारा की गई मेहनत का सम्मान करना चाहिए जो उन्होंने नोटबंदी के दौरान की थी।'
बिहार ग्रामीण बैंक के ब्रांच मैनेजर विक्रम दयाल अपना गुस्सा जाहिर करते हुए लिखते हैं, 'नीतीश सर आपसे ऐसे कमेंट की उम्मीद नहीं थी। कुछ तो बैंकर बंधुओं का लिहाज किया होता, जहां आपके राज्य में बैंक मैनेजर को गोली मार दी जा रही है, वैसे में आपका ये कथन राजनीति से प्रेरित लगता है।'
ऐसे कई और कमेंट्स हैं जिनमें नीतीश कुमार की आलोचना की गई है। हो सकता है कि इस आलोचना के बाद नीतीश कुमार भी ज्यादातर नेताओं की तरह अपने पेज से रेटिंग देने का ऑप्शन हटवा लें। लालू यादव, तेज प्रताप यादव, कांग्रेस पार्टी, राहुल गांधी और यहां तक कि डिजिटल इंडिया के सबसे बड़े पैरोकार पीएम मोदी के फेसबुक पेज तक पर यह ऑप्शन नहीं है।

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