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दिल्ली मे आयोजित जद यू की राष्ट्रीय कार्यकारिणी की बैठक सम्पन्न हो चुकी है और जद यू ने एक देश और एक चुनाव का प्रस्ताव पारित कर यह साफ संकेत दे दिया है कि बिहार में आगामी विधान सभा का चुनाव मे मिला जनादेश तय करेगा कि बिहार का नेता नीतीश रहेगें या कोई और फिलहाल नीतीश मुख्यमंत्री पद पर बरकरार रहेगें.
दूसरा जद यू ने भाजपा केसाथ रहने का एलान कर तेजस्वी यादव के उस बयान का जबाव दे दिया है कि वह फिलहाल महागठबंधन मे शामिल होने के लिये आवेदन देने को तैयार नही. इस के साथ ही बीजेपी के साथ विलय नही कहकर के सी त्यागी ने जता दिया कि नीतीश अपनी शर्तो पर राजनीति करतेहै. नीतीश यहा भी नही रूके है. महागठबंधन में शामिल होने के लिये उन्होने कांग्रेस के सामने राजद के साथ नाता तोड़ने की शर्त रख कर जहां एक तरफ कांग्रेस के लिये दरवाजा भविष्य के लिये खोलकर रखने का संकेत दिया है तो दूसरी तरफ तेजस्वी को उनकी राजनीतिक हैसियत दिखा दी है.
अब जद यू के इस शर्त पर जहां कांग्रेस का राजद प र दबाव बढेगा और बैक फुट पर आयी राजद अब बिहार में बड़े द ल होनेके बाव जूद काग्रेस के शर्त को मानने को मजबूर होगी. क्योकि राजद समझती है कि वगैर कांग्रेस के समर्थन के वह बिहार में तो किसी भी कीमत पर सत्ता में नही आ सकती और केन्द्र की सरकार में उसके लिये दरवाजे पूरी तरह बंद होेगे. फिलहाल कह सकते है कि तेजस्वी के नहले पर नीतीश ने दहला वगैर किसी शोर शराबा किये फेक दिया है. फिलहाल देखिये आगे - आगे होता है क्या?