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सोने के सिक्के खरीदने से पहले जान लें ये 7 खास बातें

सोने के सिक्के खरीदने से पहले जान लें ये 7 खास बातें
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दिवाली की शॉपिंग हो और सोना लिस्ट में शामिल न हो, भला यह कैसे संभव हो सकता है। इस पीले धातु की शॉपिंग लिस्ट में शामिल होने की सबसे बड़ी वजह धनतेरस भी है। इस त्योहार पर अधिकतर लोग सोने की जूलरी से ज्यादा सोने के सिक्के खरीदना पसंद करते हैं।

आप भी अगर सोने के सिक्का खरीदने जा रहे हैं तो ये 7 बातें जरूर जान लें...

1- सोना खरीदते वक्त जो सबसे खास बात ध्यान में रखनी होती है वो यह कि सोना खरा है या नहीं। सोने के सिक्के की शुद्धता दो कसौटियों पर परखी जाती है- कैरट और फाइननेस। कैरट सबसे कॉमन मापक है। 24 कैरट सोना सबसे शुद्ध होता है जबकि 22 कैरट के सोने में दो हिस्सा जिंक या सिल्वर का होता है, जो जूलरी को मुलायम और अधिक टिकाऊ बनाता है। वहीं, फाइननेस गोल्ड को परखने का दूसरा मापक है। यह प्रमुख रूप से 24 कैरट गोल्ड के लिए होता है। वर्ल्ड गोल्ड काउंसिल की वेबसाइट के अनुसार, 'शुद्ध' सोने में भी थोड़ा बहुत मिलावट हो सकती है, जिसे निर्माता भी नहीं हटा पाता। यह मिलावट (जिसमें मिश्रधातु और अशुद्धियां भी शामिल होंगी) सोने के कुल वजन की तुलना में बेहद कम होता है। यह 1,000 प्रति यूनिट में व्यक्त की जाती है। सबसे शुद्ध गोल्ड यानी 24 कैरट को जब फाइननेस में मापा जाता है तो उसकी शुद्धता प्रति हजार 99 9.9 भागों में दिखाई देती है।


2- सोने की शुद्धता का सबसे बड़ा पैमाना बीआईएस का हॉलमार्क है। इसलिए सोना खरीदते वक्त हॉलमार्क के निशान वाली जूलरी ही खरीदें। हॉलमार्क सरकारी गारंटी है। हॉलमार्क का निर्धारण भारत की इकलौती एजेंसी ब्यूरो ऑफ इंडियन स्टैंडर्ड (बीआईएस) करती है। सोने पर कुछ महत्वपूर्ण कंपोनेंट्स दर्ज होते हैं जैसे- बाआईएस लोगो, प्योरिटी नंबर ( जैसे- 24 कैरेट और 916), हॉलमार्किंग का लोगो, साल और जूलरी का आइडेंटीफिकेशन मार्क। इन्हीं अंको में आपके सोने की शुद्धता का राज छुपा होता है। बीआईएस ने 1 जनवरी, 2017 को घोषणा की कि वह केवल 22, 18 और 14 कैरट के गोल्ड जूलरी की ही हॉलमार्किंग करेगा।

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