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सरकार की चेतावनी बेअसर, बिटकॉइन जैसी लाइटकॉइन क्रिप्टोकरंसी में उलझे निवेशक, सरकार की चुप्पी क्यों?
सरकार की चेतावनी के बावजूद लोग बिटकॉइन, रिपल और लाइटकॉइन जैसी क्रिप्टोकरंसी की तरफ आकर्षित हो रहे हैं। क्रिप्टोकरंसी एक्सचेंज करने वाले प्लैटफॉर्म्स पर रजिस्ट्रेशन के लिए लंबा वेटिंग टाइम चल रहा है।
पिछले कुछ सालों में वर्चुअल करंसी के कीमतों में हैरतअंगेज इजाफा हुआ है, जिसके चलते लोग इससे ट्रेड करना चाहते हैं। क्रिप्टोकरंसी एक्सचेंज करने वाली बेंगलुरु की कंपनी यूनोकॉइन के आंकड़ों के मुताबिक, दिसंबर 2016 में उनके यहां से एक हजार लोगों ने रजिस्ट्रेशन किया था। वहीं पिछले महीने प्रतिदिन दस हजार की औसत से रजिस्ट्रेशन हुए।
क्रिप्टोकरंसी एक्सचेंज करने वाली सभी वेबसाइटों का कुछ ऐसा ही हाल है। कॉइनश्योर ने अपनी वेबसाइट पर मेसेज लिख दिया है कि कस्टमर्स के 'नो यॉर कस्टमर' (केवाइसी) प्रोसेस में अभी वक्त लगेगा। उनके पास रजिस्ट्रेशन के लिए एक दिन में औसतन चार हजार आवेदन आ रहे हैं, उन्होंने अपनी वेबसाइट में थोड़ा बदलाव करके बिना वेरिफिकेशन के पेमेंट करने के ऑप्शन को बंद भी कर दिया है। बाकी वेबसाइट्स के पास भी काम बढ़ गया है जिसके चलते वे नए लोगों को नौकरी पर रखने का विचार भी बना चुके हैं।
कोई शख्स कम से कम दस हजार रुपए की बिटकॉइन करंसी खरीद सकता है। किसी क्रिप्टोकरंसी एक्सचेंज प्लैटफॉर्म पर लॉगइन करने के बाद सबसे पहले यूजर की सभी उपलब्ध जानकारियों की जांच की जाती है। उसके बाद फंड ट्रांफसर हो जाता है और यूजर को एक डिजिटल वॉलिट मिल जाता है जिसमें बिटकॉइन को स्टोर करके रखा जा सकता है। फिलहाल एक बिटकॉइन की कीमत दस लाख रुपये है, लेकिन पिछले महीने यह 19 लाख रुपये तक पहुंच गई थी। वह इसकी अबतक की सबसे ज्यादा कीमत थी।