- होम
- राज्य+
- उत्तर प्रदेश
- अम्बेडकर नगर
- अमेठी
- अमरोहा
- औरैया
- बागपत
- बलरामपुर
- बस्ती
- चन्दौली
- गोंडा
- जालौन
- कन्नौज
- ललितपुर
- महराजगंज
- मऊ
- मिर्जापुर
- सन्त कबीर नगर
- शामली
- सिद्धार्थनगर
- सोनभद्र
- उन्नाव
- आगरा
- अलीगढ़
- आजमगढ़
- बांदा
- बहराइच
- बलिया
- बाराबंकी
- बरेली
- भदोही
- बिजनौर
- बदायूं
- बुलंदशहर
- चित्रकूट
- देवरिया
- एटा
- इटावा
- अयोध्या
- फर्रुखाबाद
- फतेहपुर
- फिरोजाबाद
- गाजियाबाद
- गाजीपुर
- गोरखपुर
- हमीरपुर
- हापुड़
- हरदोई
- हाथरस
- जौनपुर
- झांसी
- कानपुर
- कासगंज
- कौशाम्बी
- कुशीनगर
- लखीमपुर खीरी
- लखनऊ
- महोबा
- मैनपुरी
- मथुरा
- मेरठ
- मिर्जापुर
- मुरादाबाद
- मुज्जफरनगर
- नोएडा
- पीलीभीत
- प्रतापगढ़
- प्रयागराज
- रायबरेली
- रामपुर
- सहारनपुर
- संभल
- शाहजहांपुर
- श्रावस्ती
- सीतापुर
- सुल्तानपुर
- वाराणसी
- दिल्ली
- बिहार
- उत्तराखण्ड
- पंजाब
- राजस्थान
- हरियाणा
- मध्यप्रदेश
- झारखंड
- गुजरात
- जम्मू कश्मीर
- मणिपुर
- हिमाचल प्रदेश
- तमिलनाडु
- आंध्र प्रदेश
- तेलंगाना
- उडीसा
- अरुणाचल प्रदेश
- छत्तीसगढ़
- चेन्नई
- गोवा
- कर्नाटक
- महाराष्ट्र
- पश्चिम बंगाल
- उत्तर प्रदेश
- राष्ट्रीय+
- आर्थिक+
- मनोरंजन+
- खेलकूद
- स्वास्थ्य
- राजनीति
- नौकरी
- शिक्षा
Archived
GST से घटी इनकम से मोदी सरकार पर बढ़ा प्रेशर, जानिये पूरी रिपोर्ट होश उडा देने वाली
शिव कुमार मिश्र
19 Sep 2017 8:58 AM GMT
x
GST से घटी इनकम से मोदी पर बढ़ा प्रेशर, इन्फ्रा प्रोजेक्ट्स पर घटाना पड़ सकता है खर्च
नई दिल्ली. टैक्स कलेक्शन अनुमान से कम रहने और सुस्त ग्रोथ से सरकार का बजट खासा गड़बड़ा गया है। ऐसे में भारत सरकार को रेलवे और हाईवेज जैसे अहम इन्फ्रास्ट्रक्चर प्रोजेक्ट्स पर खर्च में कटौती करनी पड़ सकती है। वित्त मंत्रालय के दो अधिकारियों ने यह बात कही है।
जुलाई में मिला सिर्फ 7.8 अरब डॉलर टैक्स
रॉयटर्स के मुताबिक लाखों कंपनियों के गुड्स एंड सर्विसेज टैक्स (जीएसटी) सिस्टम का पालन करने में नाकाम रहने से जुलाई में टैक्स रिसीट्स लगभग 7.8 अरब डॉलर ही रहीं। जीएसटी रेजीम में सभी राज्य और केंद्रीय सेल्स टैक्सेस समाहित हो गए, हालांकि काम अभी भी जारी है।
खर्च घटा तो ग्रोथ को लगेगा झटका
वहीं चिंता यह है कि अगर पब्लिक स्पेंडिंग में कमी आती है तो इकोनॉमिक ग्रोथ को तगड़ा झटका लग सकता है। इकोनॉमिक ग्रोथ पिछले क्वार्टर में तीन साल के निचले स्तर पर पहुंच गई थी। वित्त मंत्रालय के एक अधिकारी ने कहा, 'टैक्स कलेक्शन में कमी बड़ी चिंता के रूप में सामने आई है।'
टैक्स कलेक्शन लक्ष्य से 80 हजार करोड़ कम रह सकता है
मंत्रालय के एक अन्य अधिकारी ने कहा कि अगर टैक्स कलेक्शन का मौजूदा ट्रेंड बरकरार रहता है तो यह लक्ष्य 80 हजार करोड़ रुपए (12.5 अरब डॉलर) तक कम रह सकती है। इससे सरकार को अपनी खर्च की रणनीति पर फिर से विचार करना पड़ सकता है।
9.8 लाख करोड़ रु का है लक्ष्य
उन्होंने कहा कि पूरे साल के दौरान इंडिविजुअल और कॉरपोरेट इनकम टैक्स से रिसीट्स 9.8 लाख करोड़ (152.8 अरब डॉलर) के लक्ष्य से पीछे रह सकती हैं, जिसकी आंशिक वजह टैक्स चोरों पर कार्रवाई रही है। आने वाले महीनों में जीएसटी कलेक्शन में सुधार देखने को मिल सकता है।
फिस्कल डेफिसिट के टारगेट से भी चूक सकती है सरकार
एक अधिकारी ने कहा कि खर्च में कटौती नहीं की गई तो फिस्कल डेफिसिट जीडीपी की तुलना में 3.5 फीसदी रह सकता है, जबकि सरकार ने 2017-18 के लिए 3.2 फीसदी फिस्कल डेफिसिट का टारगेट तय किया है।
शिव कुमार मिश्र
Next Story