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ब्लॉग: कठुआ में बलात्कारियों के बचाव में देशभक्ति के नारे

ब्लॉग: कठुआ में बलात्कारियों के बचाव में देशभक्ति के नारे
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सूर,कबीर,तुलसी,रसखान का ये देश बलात्कारियों में भी धर्म ढूढने लगा है और कोई शर्म नहीं। लेकिन हमारे देश के हुक्मरानों के आंख का पानी जैसे मार गया हो ,वैसे भाषण देने पर आएंगे तो रुकेंगे नहीं लेकिन जब किसी मासूम बेटी की इज्जत लूटकर बेरहमी से दरिंदों द्वारा मार दिया जाय तो एक शब्द नहीं बोलते।

आज मां भारती का कलेजा जरूर छलनी हो रहा होगा जब उसने देखा होगा कि जम्मू कश्मीर के कठुआ में आठ वर्षीय मासूम आसिफा को नोचने के बाद बेरहमी से मार देने वाले बलात्कारियों के समर्थन में तिरंगा हाथों में लिए वकील और हिन्दू एकता मंच के कार्यकर्ता भारत माता की जय के नारों के साथ विरोध प्रदर्शन कर रहे थे। साथ ही भाजपा के जम्मू कश्मीर के दो मंत्री चंद्रप्रकाश गंगा और लाल सिंह सहित भाजपा के अन्य नेता भी इस प्रदर्शन में शामिल हुए और बलात्कारियों के पक्ष में भाषण दिया। हिन्दू एकता मंच का अध्यक्ष भाजपा का प्रदेश सचिव है। क्या आप सोच सकते हैं कि ऐसे लोग बलात्कारियों के बचाव में विरोध प्रदर्शन कर रहे हैं।


सूर,कबीर,तुलसी,रसखान का ये देश बलात्कारियों में भी धर्म ढूढने लगा है और कोई शर्म नहीं। लेकिन हमारे देश के हुक्मरानों के आंख का पानी जैसे मार गया हो ,वैसे भाषण देने पर आएंगे तो रुकेंगे नहीं लेकिन जब किसी मासूम बेटी की इज्जत लूटकर बेरहमी से दरिंदों द्वारा मार दिया जाय तो एक शब्द नहीं बोलते।




गौरतलब है कि जम्मू कश्मीर के कठुआ जिले के रसाना गांव की रहने वाली 8 वर्षीय मासूम आसिफ़ा का 10 जनवरी 2018 को अपहरण हो गया था और 13 जनवरी को बलात्कार के बाद उसकी हत्या कर दी गयी थी। क्राइम ब्रांच ने 18 पन्नो की चार्जशीट दाखिल की जिसमें बताया गया कि वक्करबाल मुस्लिम समाज की लड़की रोजाना घोड़ों को जंगल में चराने के लिए जाती थी। एक दिन उसके घोड़े जंगल में भटक गए उन्हें ढूढने के लिए उसने मुख्य साजिश कर्ता साँझीराम के नाबालिग भतीजे को बताया। यह बात साँझीराम ने सुन ली और उसने वक्करबाल समुदाय से बदला लेने की सोची। उसने अपीने भतीजे को साजिश में शामिल कर लिया। घोड़े ढूढने के बहाने उसका भतीजा उसे जंगल में ले जाता है और उसे नशीली दवा खिलाकर उसके साथ रेप करता है। इस मामले में स्पेशल पुलिस अधिकारी दीपक खजूरिया भी शामिल होता है ।

इसके बाद भतीजा शुभम अपने मेरठ में पढ़ने वाले विशाल जंगोत्रा को भी बुला लेता है। मासूम बच्ची को एक मंदिर में रखा जाता है जहां नशीली गोलियां खिलाकर हवस के भूंखे भेड़िये उसके शरीर को नोंचते रहते है।




जब बेटी घर नहीं पहुंचती है तो पिता अपनी बेटी को ढूढने निकलता है जब वह साँझीराम से पूछता है तो वह मना कर देता । थाने में पिता रिपोर्ट लिखाता है, इधर दरिंदे बेटी को जंगल में ले जाते हैं और बलात्कार के बाद उसे 13 जनवरी को बेरहमी से मार देते हैं। मामले को खत्म करने के लिए पुलिस को घूस भी दी जाती है। आठ आरोपियों को गिरफ्तार किया गया है । सभी आरोपियों ने अपना जुर्म कबूल कर लिया है। सभी सबूत और फोरेंसिक जांच भी जुर्म की दास्तां को खुद बयां कर रहे है। लेकिन राजनैतिक लाभ के लिए ये राजनेता बलात्कारियों का समर्थन करने में हिचकिचाते नहीं। देश शर्मिंदा है ऐसे नेताओ से।

इतना जघन्य अपराध जिसे सुनकर कलेजा फटा जा रहा है। लेकिन " बहुत हुआ नारी पर बार, अबकी बार मोदी सरकार" का नारा देने वाले भाजपा नेता अब बलात्कारियों के पक्ष में विरोध प्रदर्शन कर रहे हैं। शर्म नहीं आती ऐसे नपुंसक नेताओं को कि बलात्कार में भी हिन्दू मुस्लिम ढूंढते हैं। धारा 370 हटाने का वादा किया था ,आप तो 376 हटवाने के लिए तिरंगा यात्रा निकालने में लग गए। उन्नाव में भी बलात्कारी भाजपा विधायक के आगे पूरी उत्तर प्रदेश सरकार नतमस्तक हो गयी । भला हो कोर्ट का और सीबीआई का जिसने कुलदीप सेंगर को आखिरकार गिरफ्तार कर लिया। भारतीय लोकतंत्र का प्रतीक तिरंगा बलात्कारियों और दंगाइयों के लिए मुखौटा बन गया। किसी ने कहा कि" अब तो तालाब का पानी बदल दो, ये कंवल के फूल कुम्हलाने लगे हैं।"

क्या बेटियों को अब इंसाफ जाति धर्म देखकर दिया जाएगा?। बार एसोसिएशन का अध्यक्ष बीएस सलाााथिया कहता है कि भगत सिंह ने सदन में बम फोड़ा था । बलात्कारियों के पक्ष में शर्मशार करने वाले बयान और तर्क। पीड़ित परिवार के घर ताला लगा हुआ है। मासूम के परिजनों की पीड़ा का अंदाजा ही लगाया जा सकता है। कठुआ, उन्नाव से लेकर पूरे देश में बेटियों की इज्जत से खिलवाड़ हो रहा है और सरकार मौन है।



प्रधानमंत्री जी क्या आप अपने जम्मू कश्मीर के दोनों मंत्रियों को पार्टी से बाहर का रास्ता दिखाएंगे , क्या हिन्दू एकता मंच के अध्यक्ष और भाजपा के प्रदेश सचिव पर बलात्कारियों के पक्ष में विरोध प्रदर्शन करने पर कार्यवाही करेंगे ?। क्या उन्नाव के विधायक को पार्टी से बाहर करेंगे ?। अगर नहीं तो इतिहास आपको कभी माफ नहीं करेगा। अपना 56 इंच का सीना दिखाइए और ऐसे लोगों पर कार्यवाही करिए। इस संदर्भ में पुष्यमित्र उपाध्याय की कविता याद आती है

उठो द्रोपदी चीर संभालो, अब गोविंद ना आएंगे

मेहंदी छोड़ो खड्ग संभालो, खुद ही अपना चीर बचा लो।

द्युत बिछाए बैठे शकुनि, मस्तक सब बिक जाएंगे

उठो द्रोपदी.......

कब तक आस लगाओगी तुम ,बिके हुए अखबारों से

कैसी रक्षा मांग रही हो ,दुशासन दरबारों से

स्वयं जो लज्जाहीन पड़े हैं, वो क्या लाज बचाएंगे

उठो द्रोपदी…...….

कल तक केवल अंधा राजा, अब गूंगा बहरा भी है

होंठ सी दिए जनता के ,कानों पर पहरा भी है

तुम्हीं कहो ये अश्रु तुम्हारे, किसको क्या समझाएंगे

उठो द्रोपदी….....

लेखक राघवेंद्र दुवे समाजवादी पार्टी के पूर्व महानगर नॉएडा के महासचिव रहे हें





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