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नरेंद्र मोदी ने गाली संस्कृति से राजनीति को भर दिया!

नरेंद्र मोदी ने गाली संस्कृति से राजनीति को भर दिया!
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ग़ाज़ीपुर रेप केस में मुझे लेकर कई तरह की अफ़वाहें फैलाई जा रही हैं। भद्दी गालियाँ दी जा रही हैं और धमकी भी।
ग़ाज़ीपुर रेप केस में मुझे लेकर कई तरह की अफ़वाहें फैलाई जा रही हैं। भद्दी गालियाँ दी जा रही हैं और धमकी भी। नरेंद्र मोदी ने इसी गाली संस्कृति से राजनीति को भर दिया है। गाली देने वाले उन्हीं के समर्थक हैं। बड़ी चालाकी से कह भी जाते हैं कि उन्हें पाँच किलो आठ किलो गालियाँ पड़ती हैं। मगर वे ख़ुद गाली देने वालों ( ट्रोल) और फेक न्यूज़ वालों को फ़ोलो करते हैं। वे ख़ुद नहीं कहते मगर उनके नेतृत्व में जो राजनीतिक संस्कृति फैली है उसका चेहरा यही है। इसके जवाब में दूसरी तरफ़ भी ऐसी भद्दी संस्कृति पनप रही है।
सवाल करने वालों को विरोधी, ग़द्दार, कम्युनिस्ट घोषित कर गाली देने की संस्कृति को संगठित करने का काम किसने किया है? ये लोग किसकी तरफ़ से गालियाँ देते हैं? जवाब साफ़ है।
कौन लोग हैं जो सैंकड़ों नंबरों से मुझे फ़ोन कर गंदी गालियाँ दे रहे हैं। चिली के नंबर से भी फ़ोन आया। पुलिस में शिकायत करो तो कुछ होता नहीं। एक नंबर से व्हाट्स अप आया। माँ को लेकर कैसी भाषा का इस्तेमाल किया गया है आप पढ़िए। ये सबकी माँ के बारे में है। गाली देने वाले का नंबर दे रहा हूँ। जब मुझे गाली देने के लिए मेरा नंबर हज़ारों में बाँटा जा सकता है तो मेरे पास इनका नंबर ज़ाहिर करने के अलावा कोई चारा नहीं। आप इस बीमार को फ़ोन न करें।
मुझे पता है कि आप चुप रहेंगे। आपको इसी से मतलब है कि सरकार आपकी नौकरी पर डाका डाले तो मैं दिलवा दूँ।लाखों छात्रों का भविष्य यूनिवर्सिटी में बर्बाद हो रहा हो तो मुझे से उम्मीद है। बैंकर और ग्रामीण बैंकरों को मुझी से उम्मीद है। मैं ऐसा क्या करता हूँ कि भारत की माँओं को ऐसी गालियाँ दी जा रही हैं। वो कौन लड़कियाँ हैं, औरतें हैं जो ऐसी संस्कृति के पीछे जान दे रही हैं।
अब सोशल मीडिया पर ऐसा कुछ चलाया जा रहा है जो मैंने कही नहीं। न मैं कह सकता हूँ। आई टी सेल मेरे ख़िलाफ़ लोगों को भड़काने के लिए वायरल कर रहा है। आप इसका नमूना देखिये और गाली का भी। फिर सोचिए कि इस राजनीतिक
संस्कृति का मक़सद क्या हो सकता है ।

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