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बचपन बचाओ के नारों से गूंज रहा है दक्षिण भारत

बचपन बचाओ के नारों से गूंज रहा है दक्षिण भारत
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इतिहास बन रहा है। बच्चों के सवाल को लेकर देश के सबसे बड़े आंदोलन की इबारत लिखी जा रही है। तकरीबन 300 कोर मार्चर दक्षिण भारत की धरती पर बाल यौन शोषण और बाल दुर्व्यापार (ट्रैफिकिंग) के खिलाफ अलख जगा रहे हैं। जगह-जगह रैलिया निकल रही हैं। स्कूल कालेज में लोग शामिल होते जा रहे हैं भारत यात्रा का कारवां आगे बढ़ता जा रहा है। 11 सिंतबर, 2017 को तमिलनाडु के ऐतिहासिक नगर कन्याकुमारी से शुरु हुई भारत यात्रा आज चौथे दिन करीब एक तिहाई दक्षिण भारत का सफर तय कर चुकी है।

11 सितंबर, 2017 का दिन इतिहास में स्वर्णाक्षरों में लिखा जाएगा। इतिहास में ऐसा दिन कभी नहीं देखा गया। और इसकी गवाह बनी कन्याकुमारी। इस दिन देशभर से आए बाल मजदूरों ने कन्याकुमारी को अपने बचपन बचाओ के नारों से अंटा दिया। जिधर देखिए उधर ही बचपन बचाओ के नारे गूंज रहे थे। क्या गलियां, क्या नुक्कड, क्या चैक चैराहे। सभी ओर बाल मजदूरी बंद करो, बाल दुराचार बंद करो, वी वांट एडूकेशन के नारे तमिल, हिंदी और अंग्रेजी में हाहाकार कर रहे थे। महासागरों की उत्ताल लहरें भी बचपन बचाओ के नारे लगा रही थीं। और इसमें स्थानीय लोक कलाकारों के सुर ताल से ताल मिला रहे थे। और इस तरह से कन्याकुमारी बच्चों की मासूमियत और मुस्कान को बचाने की गुहार लगा रही थी।

कन्याकुमारी के विवेकानंद शिला स्मारक और फुटबाॅल ग्राउंड पर सुरक्षित बचपन सुुरक्षित भारत बनाने को निकले लगभग 5000 युवाओं बच्चों और स्थानीय लोगों कीे महती जनसभा को संबोधित करते हुए बचपन बचाओ आंदोलन के संस्थापक और नोबेल शांति पुरस्कार विजेता श्री कैलाश सत्यार्थी ने कहा कि आज का दिन हम सबके लिए बहुत बडा दिन है। यह इतिहास और सभ्यता का सबसे बडा दिन है। पूरी दुनिया में ऐसा दिन कभी नहीं आया जब लोगों ने डर के खिलाफ एक आंदोलन छेड दिया हो और लोग घरों से निकल पडे हों। उन्होंने कहा कि हम एक ऐसे भारत का निर्माण करने जा रहे हैं जहां बच्चों की मासूमियत और मुस्कान की रक्षा होगी। लोग अपनी चुप्पी तोडेंगे और बच्चों के खिलाफ होने वाली हिंसा का जवाब देंगे। हमें एक ऐसा देश स्वीकार नहीं जहां बच्चों से दुराचार होता हो और जहां बच्चों को जानवरों से भी कम कीमत पर बेचा जाता हो।

हम सुरक्षित बचपन सुरक्षित भारत के लिए जन आंदोलन चला रहे हैं। हम इस नैतिक महामारी के खिलाफ महायु़द्ध लडने जा रहे हैं। उन्होेंने कहा कि लोग समझते हैं कि यदि किसी लडकी के साथ दुराचार होता है तो उस लडकी की इज्जत लुटती है, जबकि ऐसा नहीं है। इज्जत तो उसकी लुटती है जो दुराचार करता है। इसलिए ये लडाई हम उस व्यवस्था से लडेंगे जो हमें डराती है। उन्होंने कहा कि हम सुरक्षित बचपन सुरक्षित भारत बनाने के लिए निकले हैं और हम उसको बना कर रहेंगे, हमने यह संकल्प लिया है। युवाओं पर उन्होंने विशेष भरोसा जताया और कहा कि युवाओं ने ही दुनिया बदली है और हमारी इस लडाई को वही अंजाम तक पहुंचाएंगे। युवाओं और बच्चों को उन्होंने सुपरस्टार और असली हीरो बताया। उन्होंने अपने अंदर की ताकत को पचचानने की बात कही। गौर करने वाली बात यहां यह है कि श्री कैलाश सत्यार्थी के हरेक आहवान का हजारों बच्चे हाथ उठाकर और ताली बजाकर स्वागत और समर्थन कर रहे थे।

जनसभा की सबसे बडी खासियत यह रही कि मंच पर कई बाल मजदूर की उपस्थिति देखी गई और उनकी अगुवाई में दीप प्रज्ज्वलन कर भारत यात्रा का उदघाटन किया गया। सत्यार्थी जी ने अंग्रेजी में अपनी पूरी बातें कहीं और उनका तमिल में तर्जुमा करते जा रहे थे स्थानीय आयोजन समिति के संयोजन पाॅल भास्कर।

कैलाश सत्यार्थी के अलावा जिन जिन लोगों ने जनसभा को संबोधित किया उनमें प्रमुख हैं, जमायते इस्लामी हिंद के इंजीनियर सलीम अली, स्थानीय सांसद पी राधाकूष्णन, आरएसएस के वरिष्ठ नेता और दिल्ली विधानसभा के पूर्व उपाध्यक्ष आलोक कुमार, राज्यसभा सांसद रवि प्रकाश वर्मा, मासूम संस्था की अध्यक्ष फातिमा, स्थानीय ईसाई सभा के संयोजक फादर जोसेफ इम्येनूल, आर्य समाज हैदराबाद के विटठल राव, एबीवीपी की तमिलनाडू इकाई के लक्ष्मण जी, कन्याकुमारी के पूर्व विधायक मोहम्मद इस्माइल, हैदराबाद गवर्नमेंट स्कूल के पी संुदरैया और नंदी स्वामी। गौरतलब है कि फुटबाॅल ग्राउंड के मंच पर ग्रांड ओल्ड मैन के रूप में जिनकी उपस्थिति सबका ध्यान खिंच रही थी वे थे 87 वर्षीय आरके चैरसिया। मंच से कैलाश सत्यार्थी की पुस्तक आजाद बचपन के हिंदी और अंग्रेजी संस्करणों का भी लोकार्पण किया गया।

उल्लेखनीय बात यह है कि भारत यात्रा को अपना पूरा पूरा समर्थन प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी भी दे रहे हैं। और इस अवसर पर उनके शुभकामना संदेश को कैलाश सत्यार्थी चिल्ड्रेन फाउडेशन के एमडी राहुल शर्मा ने पढकर सुनाया। आरएसएस के सर संघचालक मोहन भागवत का भी भारत यात्रा को समर्थन है और उनके संदेश को आलोक कुमार जी ने पढकर सुनाया। जैन आंदोलन के आचार्य विवेक मुनि के शुभकामना संदेश को केएससीएफ के पब्लिकेशन्स हेड अनिल पांडे ने पढकर सुनाया। इसके अलावा देशभर से कई गणमान्य व्यक्तियों और संस्थाओं ने भी भारत यात्रा की सफलता के लिए अपनी अपनी शुभकामनाएं भेजी हैं।
यह भारत यात्रा 22 राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों से गुजरते हुए 11,000 किलोमीटर की दूरी तय करेगी। 16 अक्टूबर को इसका समापन दिल्ली में होगा। कन्याकुमारी से शुरू होने वाली मुख्य यात्रा के समानांतर 6 और यात्राएं भी इसके साथ होंगी जो देश के छह अलग अलग हिस्सों से शुरू होकर मुख्य यात्रा में मिल जाएंगी। ये समानांतर यात्राएं श्रीनगर, गुवाहाटी, चैन्नई, भुवनेश्वर, कोलकाता और अहमदाबाद से शुरू होगी। एक अनुमान के अनुसार इस यात्रा के जरिए 1 करोड लोगों से सीधे सीधे सम्पर्क किया जाएगा।

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