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स्वच्छता अभियान: देखा था गांधी ने 'स्वच्छ भारत' का सपना-PM मोदी

आनंद शुक्ल
2 Oct 2017 9:45 AM GMT
स्वच्छता अभियान: देखा था गांधी ने स्वच्छ भारत का सपना-PM मोदी
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प्रधानमंत्री ने बताया कि गंदगी से लोगों को काफी नुकसान होता है। उन्‍होंने कहा, 'स्वच्छता न होने की वजह से हर वर्ष एक परिवार पर 50 हजार रुपये का बोझ पड़ता है। माताएं बहनें अगर सुबह बाहर जाती हैं। अगर दिन हो गया तो उन्हें अंधेरे का इंतजार करना पड़ता है।

नई दिल्ली: गांधी जयंती के मौके पर दिल्‍ली के विज्ञान भवन में कार्यक्रम के दौरान प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि एक हजार गांधीजी आ जाएं, 1 लाख मोदी आ जाएं, सभी मुख्यमंत्री और सरकारें लग जाएं लेकिन स्वच्छता का सपना तब तक पूरा नहीं हो सकता जब तक सवा सौ करोड़ देशवासी इसे जनभागीदारी के साथ आगे नहीं बढ़ाएंगे।

स्वच्छ भारत अभियान के तीन साल पूरा होने पर आयोजित समारोह को संबोधित करते हुए प्रधानमंत्री ने कहा कि स्वच्छता अभियान के तीन साल में हम आगे बढ़े हैं। इस कार्यक्रम को तीन वर्ष पहले जब मैंने शुरू किया था, तब मीडिया, राजनीतिक दलों समेत कई वर्गों से मुझे आलोचना का सामना करना पड़ा था। बेशक, इसके लिए लोगों ने मेरी आलोचना की कि हमारी 2 अक्टूबर की छुटटी खराब कर दी। बच्चों की छुटटी खराब की। मेरा स्वभाव है कि बहुत सी चीजें झेलता रहता हूं। मेरा दायित्व भी ऐसा है, झेलना भी चाहिए। और झेलने की कैपेसिटी भी बढ़ा रहा हूं । हम तीन साल तक लगातार लगे रहे ।

प्रधानमंत्री मोदी ने सवालिया अंदाज में कहा, चुनौतियां हैं, इसलिये इस काम को हाथ नहीं लगाये, चुनौतियां है, इसलिए देश को ऐसे ही रहने दिया जाए़़, उन्हीं चीजों को हाथ लगाये जहां वाहवाही मिले, जयकारा मिले़। मोदी ने कहा कि कोई इंसान ऐसा नहीं है, जिसे गंदगी पसंद हो़ मूलत: हमारी प्रवृत्ति स्वच्छता पसंद करने की है । हमारे देश में एक गैप रह गया कि स्वच्छता काम की शुरूआत कौन करें।

प्रधानमंत्री ने बताया कि गंदगी से लोगों को काफी नुकसान होता है। उन्‍होंने कहा, 'स्वच्छता न होने की वजह से हर वर्ष एक परिवार पर 50 हजार रुपये का बोझ पड़ता है। माताएं बहनें अगर सुबह बाहर जाती हैं। अगर दिन हो गया तो उन्हें अंधेरे का इंतजार करना पड़ता है। ऐसे में उनका स्वास्थ्य कैसे ठीक रहेगा? मां को पूछिए कि जब बाहर जाने से पहले सारी चीजें ठीक से रख देतें हैं तो कैसा लगता है? मां इसके जवाब में जरूर कहेगी कि घर की सफाई में आधा दिन चला जाता था, लेकिन अब बहुत जल्दी सारा काम हो जाता है। अगर कोई बाहर से हिंदुस्तान देखेगा तो ताजमहल इतना अच्छा, लेकिन गंदगी देखकर कैसा लगेगा।'

इससे पहले रामनाथ कोविंद, वेंकैया नायडू और नरेंद्र मोदी ने राजघाट पहुंचकर बापू को श्रद्धांजलि दी।

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