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बीजेपी का गाय प्रेम या सत्ता प्राप्ति का हथियार, अलग अलग राज्यों में गाय पर अलग नजरिया क्यों?

Majid Khan
21 Oct 2017 6:58 AM GMT
बीजेपी का गाय प्रेम या सत्ता प्राप्ति का हथियार, अलग अलग राज्यों में गाय पर अलग नजरिया क्यों?
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File Photo


शिवकुमार मिश्रा

यदि भाजपा को हिंदूवादी पार्टी मान लिया जाए और आरएसएस को हिंदू धर्म का रक्षक या हिंदू संस्कृति का प्रतीक मान लिया जाए तो गाय को लेकर देश के अलग अलग हिस्सों में दिए जा रहे भाजपा नेताओं के बयानों को हम किस नजरिए से देखेंगे।


मेघालय के भाजपा अध्यक्ष ने बयान जारी किया कि अगर भाजपा मेघालय में सत्ता में आई तो गोमांस पर कोई पाबंदी नहीं होगी। इस बयान के बाद यदि गोमांस को लेकर भाजपा और हिंदूवादी संगठनों की हरकतों की बात करें तो गाय जिसे हिंदू समुदाय की भावना का मुद्दा बताया जाता है, क्षेत्र के हिसाब से कहीं पूजनीय हो जाती है और कहीं खाने की चीज बन जाती है। क्या हिंदू धर्म हर राज्य के हिसाब से बदल जाता है।


क्या हिंदू धर्म की मान्यताएं हर राज्य में अलग अलग हैं। जब उत्तर प्रदेश में गाय की बात की जाती है तो गाय उस समय हिंदू धर्म की सबसे पूजनीय चीज हो जाती है और जब गोवा में कथित हिंदूवादी पार्टी भाजपा को सत्ता की चाहत होती है तो गोमांस की आपूर्ति का वादा किया जाता। मेघालय में सत्ता प्राप्ति के लिए गोमांस का वादा तक भाजपा की ओर से किया जाता है। देश के कुछ हिस्सों में गोमांस को लेकर इंसानों की जान तक ली जाती है और देश के दूसरे हिस्सों में गोमांस के जरिए सत्ता प्राप्ति की जाती है।


भाजपा लिए गाय केवल सत्ता प्राप्ति का हथियार मात्र है , सत्ता चाहे गाय को बचाकर मिले या मारकर मिले लेकिन मिलनी चाहिए। हिंदूधर्मावलंबियों को गंभीरता से इस सवाल का जवाब खोजना चाहिए कि आखिर धर्म में इतना विरोधाभास कौन पैदा कर रहा है। यदि गाय धर्म के अनुसार पूजनीय है तो वह पूरे भारत में पूजनीय होनी चाहिए और हर हिंदू के लिए पूजनीय होनी चाहिए और यदि उसका मांस खाया जा सकता है तो उसके आधार पर किसी गैर हिंदू की जान लेने की पंरपरा बंद होनी चाहिए।


हिंदू धर्म के पंडितों को धर्म के इस दुरुपयोग को रोकना चाहिए। यदि हिंदू धर्म को ऐसे संगठनों के खेल की चीज बना दिया गया या और वह ऐसे ही धर्म को खिलौना बनाकर खेलते रहे तो धर्म केवल मजाक की चीज बन कर रह जाएगा। जिस प्रकार देश की वर्तमान राजनीति में धर्म का घालमेल बढ़ रहा है उससे पूरी पूरी आशंका है कि हिंदूवादी होने का नाटक करने वाले तथा हिंदू धर्म का नाम लेकर राजनीति करने वाले संगठनों के लिए धर्म सिर्फ एक खिलौना मात्र है।


Majid Khan

Majid Khan

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