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दिल्ली सरकार के परिवहन विभाग में धड़ल्ले से हो रहा भ्रष्टाचार

दिल्ली सरकार के परिवहन विभाग में धड़ल्ले से हो रहा भ्रष्टाचार
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स्वराज इंडिया की शिकायत पर अदालत ने दिया एफआईआर दर्ज़ करने के निर्देश

नवगठित राजनीतिक पार्टी स्वराज इंडिया ने गत 22 दिसंबर 2017 को प्रेस वार्ता करके दिल्ली सरकार में परमिट ट्रांसफर के नाम पर हो रहे बड़े घपले का पर्दाफ़ाश किया था। उदाहरण देते हुए पार्टी पदाधिकारियों ने एक विशेष मामले को उजागर किया था जिसमें एक मृत ऑटोचालक को ज़िंदा दिखाकर और फ़र्ज़ी कागज़ात बनाकर बिना उसके परिवार की जानकारी के किसी और के नाम परमिट हस्तांतरित कर दिया गया। धोखाधड़ी का ये सारा खेल परिवहन विभाग के एमएलओ, एमवीआई और दलालों की सांठगांठ से हुआ।


मृत ऑटोचालक की माताजी शांति देवी ने स्वयं मीडिया के समक्ष आकर अपनी कहानी बताई। अपना दर्द बयां करते हुए उन्होंने बताया कि राज्य से लेकर केंद्र सरकार के हर विभाग और नेताओं तक गुहार लगाने के बाद जब न्याय नहीं मिला तो स्वराज इंडिया मजबूती से साथ खड़ा हुआ। मामले पर कहीं कोई सुनवाई ना होता देख स्वराज इंडिया ने अदालत के जरिये भ्रष्ट अधिकारियों और अन्य आरोपियों पर मुकदमा दर्ज़ करवाया।

ज्ञात हो कि कोर्ट के निर्देश के बाद 7 फ़रवरी 2018 को सरकार में परिवहन विभाग के एमएलओ श्री राजेश कुमार मीणा, एमवीआई श्री जितेंद्र और कुछ दलालों पर मुकदमा दर्ज़ किया गया। लेकिन परिवहन विभाग में व्याप्त भ्रष्टाचार में पुलिस और दिल्ली सरकार की मिलीभगत का इसीसे अंदाज़ा लगाया जा सकता है कि इतने गंभीर मामले में, वो भी अदालत के निर्देश पर एफआईआर दर्ज़ होने के बाद भी अब तक कोई कार्यवाई नहीं हुई। ना ही पुलिस ने इस ग़ैर जमानती अपराध के लिए अधिकारियों को गिरफ़्तार किया और न ही दिल्ली सरकार ने भ्रष्टाचार के संगीन मसले के बाद अपने अधिकारियों को निलंबित किया है।
बुराड़ी ट्रांसपोर्ट ऑथोरिटी में अधिकारी धड़ल्ले से इस तरह के भ्रष्टाचार में लिप्त हैं जो सरकार और मंत्रालय के सीधे संरक्षण के बिना संभव नहीं है। स्वराज इंडिया के राष्ट्रीय प्रवक्ता अनुपम ने प्रेस वार्ता के दौरान ऐसे ही एक और नए मामले को उजागर किया जिसमें 64 वर्षीय फ़र्ज़ी व्यक्ति के कागज़ात बनाकर उस नाम पर परमिट हस्तांतरित करवाया गया क्यूंकि 42 वर्षीय जिस व्यक्ति के नाम पर ऑटो था उसकी नए लाइसेंस बैज के लिए पात्रता नहीं थी। इस मामले में भी एमएलओ, फाइनेंसर और दलालों की मिलीभगत से फ़र्ज़ी कागज़ात तैयार किये गए क्यूंकि नियमतः 60 वर्ष से अधिक (वरिष्ठ नागरिक) को लाइसेंस बैज की बाध्यता नहीं होती। ऐसे सभी मामलों में पुलिस वेरिफिकेशन की भी ज़रूरत होती है लेकिन फ़र्ज़ी पुलिस रिपोर्ट फ़ाइल में लगाकर काम को अंजाम दे दिया जाता है।
स्वराज इंडिया ने मांग किया है कि मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल इन आरोपी अधिकारियों को, जिनपर मुकदमा दर्ज़ हुआ, तुरंत निलंबित करे और दिल्ली पुलिस इन्हें जल्द से जल्द गिरफ़्तार करे। पार्टी के दिल्ली प्रदेश अध्यक्ष अनुपम ने मांग किया कि विभाग में भ्रष्टाचार को बेशर्मी से बढ़ावा और शह देने की ज़िम्मेदारी लेते हुए परिवहन मंत्री अपने पद से इस्तीफ़ा दें। सरकार इस मामले पर यदि त्वरित कार्यवाई नहीं करती है तो दिल्ली के ऑटोचालक भ्रष्ट अधिकारियों और परिवहन मंत्रालय के ख़िलाफ़ मुहीम छेड़ेंगे।

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