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भारत देश अब 'कृषि प्रधान' नहीं 'भाषण प्रधान' देश बना, ये पांच बातें होश उड़ा देंगी
भारत देश को कृषि प्रधान देश कहा जाता था. सोने की चिड़िया भी कहा जाता था, मतलब कहा जाता था. अब भारत का नया नामकरण भाषण प्रधान देश कहा जाने लगा है. अब देश की जनता भाषण से खुश है. देश की जनता की खुशहाली के लिए सरकार काम करती है. अगर जनता खुश है तो सरकार की सबसे बड़ी उपलब्धि है.
अभी अभी उत्तर प्रदेश की सरकार किसानों का ऋण माफ़ करने की बात का आश्वासन देकर पूर्ण बहुमत की सरकार में आई. लेकिन जब सरकार ने इसके लिए एक बजट तय करने के बाद 1 लाख रूपये तक का ऋण माफ़ करने का प्रस्ताव विधानसभा में पास किया. लेकिन जब अधिकाधिक किसानों का जो ऋण माफ़ किया जा रहा है वो काविले तारीफ़ है. उसमें किसी किसान को दस रूपये छत्तीस पैसे तो किसी को बत्तीस रूपये किसी को दो सौ पचास रूपये. वास्तव में किसान भी इसी के काबिल है. लेकिन जब किसान नाराज होता है. तब तब उस देश का सत्ता परिवर्तन होता है.
अब दूसरी बात पर बात करते है. बीजेपी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अमित शाह जी कहते है कि जीडीपी टेक्निकल कमी के कारण घटी है. अरे भाई सत्ता का मालिक कौन है? आप, तो टेक्निकल कमी कौन दूर करेगा आप ,तो करिए नहीं. नहीं कर सकते क्योंकि ये भी तो आपके भाषण का अंग है. तो चलिए कोई नहीं आपकी सरकार आपकी जीडीपी आपका टेक्निकल फाल्ट, लेकिन इस देश की जनता को भाषण देते रहें. ये आपको फिर से देश की बागडोर आपको सौपने का मन बना चुकी है. भाषण को थोडा लच्छेदार बनाये रखें,जीत आपकी सुनिश्चित है.
अब तीसरी बात लेते है जब देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र दामोदर दास मोदी ने कहा था मेरा सीना 56' का है. अगर एक सैनिक की हत्या हुई तो दस सैनिकों के सर आपको लाकर देंगे. लेकिन सर लाना तो दूर की बात है अपने ही सैनिकों के सर कटने से नहीं बचा सके. लेकिन भाषण लगातार आपको देते रहे है. भाषण में कहीं कोई कमी नहीं आई निंदा भी करते रहे और कर भी क्या सकते थे.
अब चौथी बात लेते है, नोट बंदी हुई रोज भाषण वाजी हुई लेकिन हद तो तब हुई जब मुरादाबाद में भाषण के दौरान यूपी चुनाव के चलते पीएम नरेंद्र मोदी रोने लगे और बोले मुझे पचास दिन चाहिए. अगर हम फेल होते है तो चौराहे पर खड़ा कर मार देना. अरे भाई किसी ही पीएम को कोई मार सकता है क्या चौराहे पर. ये भी भाषण था. फिर बोले मेरा क्या है में तो फकीर हूँ झोला उठाऊंगा और चल दूंगा. मोदी जी अब आप ने इस जनता का झोला उठवा दिया जो रोजगार और मजदूरी के लिए दर दर भटक रहा है. आपने किसी न किसी को तो झोला उठवा दिया.
अब पांचवी बात डिजिटिल इंडिया की करते है. डिजिटिल इंडिया करने से पहले आपने सभी देशवाशियों के लिए नेटवर्क और बिजली की व्यवस्था सुचारू कर दी. सभी लोंगों का बेंक में एकाउंट खुलवा दिया. सबको फोन चलाना सिखा दिया. यदि ये सारे कार्य आप पूर्ण कर चुके तो ठीक है वरना ये भी भाषण बनकर ही रह जायेगा. चलो हमारा क्या है जब जनता का काम भाषण से चलता है तो अपना भी चल जाएगा क्योंकि में भी तो भारत का रहने वाला हूँ.
भाषण चलते रहेंगे देश भी यूँ ही चलता रहेगा कभी थोड़ी दिक्कत से तो कभी खुशहाली से कोई नहीं आप भाषण देते रहो हम आपके साथ है.