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पाकिस्तान के संस्थापक मोहम्मद अली जिन्ना का भूत यकायक लोकसभा चुनाव 2019 से यकायक पहले उत्पन्न हो जाना अपने आप में एक सवाल पैदा करता है. लेकिन मोहम्मद अली जिन्ना के मामले में भारतियों को तकलीफ भी नहीं होनी चाहिए.
पिछले लोकसभा चुनाव के दौरान तत्कालीन भारतीय जनता पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष लालकृष्ण आडवाणी को किसी ने सलाह दी. और वो पाकिस्तान में मोहम्मद अली जिन्ना की मजार पर पहुँच गये. देश की जनता ने हाथोंहाथ ये मामला लिया और बीजेपी को सस्ते में निपटा दिया. हालांकि इस के चलते लालकृष्ण अडवाणी को अपने पद से इस्तीफा भी देना पड़ा. अब चूँकि लोकसभा चुनाव 2019 का बिगुल बजने वाला है उसी दौर में जिन्ना के भुत ने अवतार ले लिया है.
इस जिन्ना के भूत से कायदे में न तो भारतीय हिन्दू को और न मुस्लिम को कोई एतराज होना चाहिए. लेकिन इस मामले को इतना तूल दिया जाएगा जिससे कि सभी हिन्दू मुस्लिम की आस्था आहत हो जाय और देश में चुनाव आते आते हिन्दू मुस्लिम धुर्विकृत हो जाय. जिस उद्देश्य से देश में चुनाव कराने की मंशा दिख रही है देश उसी और चल पड़ा है. अब आप लोग खुद समझ लें कि आपको आखिर करना क्या है.
देश के कुछ मुस्लिमों को जिन्ना प्रेम इतना नुकसानदायक साबित होगा जिसका उसे आने वाले समय में भी भर पाना मुश्किल होगा. लेकिन जिस तरह से मुस्लिम विरोध हो रहा है वो वास्तव में देश हित में नहीं है. जो लोग इस देश को हिंदू मुस्लिम के मुद्दे परले जाना चाहते है आप भी तो उसी और चल पड़े है. देखना है इस मुद्दे को कितनी जल्दी तिलांजली दी जाय उतना ही देश हित में होगा. आप लोग आपसी भाईचारा बनाये देश हित में कार्य करें तभी इस देश की जनता का भला होगा.