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प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की यह तस्वीर सोशल मिडिया पर वायरल हो रही है, इस तस्वीर को देखकर पुराने दिनों की एक बार फिर याद ताजा हो गई जा प्राइमरी स्कूल में गुरूजी खड़ा करके पूंछते थे कि अब 19 का पहाडा सुनाओ.
बात भी ठीक है लेकिन इस 19 के पहाड़े के साथ एक व्यंग भी छिपा हुआ है. जिसमें एक शब्द बार बार कचोट रहा है कि 2019 के लोकसभा चुनाव में मोदी सरकार के मंत्री अपने अपने मंत्रालय की क्या क्या उपलब्धियां लेकर चुनावी जंग में कूदेंगे. या फिर अगला चुनाव भी मोदी नामक वैतरणी में बैठकर पार करेंगे. हालंकि इससे पहले भाजपा की अग्नि परीक्षा पूर्वोत्तर राज्यों के समेत मध्यप्रदेश , राजस्थान , छत्तीसगढ़ , कर्नाटक में सारी हकीकत सामने आ जायेगी. बस कुछ दिन का इंतजार है और फिर एकदम 2019 की तस्वीर से कुछ धुंधलापन भी हट जाएगा. लेकिन इस तस्वीर को देखकर नहीं लगता कि सब कुछ ठीक ठाक चल रहा है.
केंद्र सरकार लगातार सीमा पर हमले से वेचैन बनी हुई है, तो वहीं अरुणाचल में चीन भी परेशान करता नजर आ रहा है. इधर पाकिस्तान दर्द पर दर्द दिए जा रहा है. लेकिन जनता से सैनिकों की शहादत का बदला लेने की बात की जिम्मेदारी लेकर सत्ता में आने वाले पीएम नरेंद्र मोदी अब इस बात पर हमेशा खामोश नजर आते है. पाकिस्तान को लेकर हमेंशा पूर्व पीएम मनमोहन सिंह को घेरने वाले अब चुप क्यों हो जाते है?
बात तो तब और बिगडती नजर आ रही है जब सैनिकों की शाहदत पर उन्हीं के सांसद मजाक और उड़ाते नजर आते है. अब इन राजनैतिक प्रपंचों के चलते इस पंचवर्षीय योजना में सबसे ज्यादा सैनिक शहीद होने का भी प्रमाण मिलेगा. लेकिन कोई माने तब न. यहाँ चिन्ता तीन तलाक और जातीय हिंसा और मजहबी लडाइयों की है. जिससे वोट बेंक मजबूत हो सैनिक की चिंता क्यों की जाय?