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जनेऊ, पद्मावती, ओरंगजेब , राममंदिर , पाकिस्तान पर चिल्लाने वाले अब चुप क्यों?
भारत देश में जब जब चुनाव का माहौल आता है वोट को धुर्वीकृत करने के लिए एक हिन्दू मुस्लिम विरोध का मुद्दा उछाला जाता है. जिसका दंश अब पूरा देश झेलता है. आपसी सौहार्द भाईचारे का नामोंनिशान मिटता जा रहा है. अभी दो राज्यों के चुनाव में जितना जोर राम मंदिर , हिंदुत्व के मसलों पर था अब राजनैतिक पटल से गायब क्यों है. अब उन पर खुलकर चर्चा करो.
पहली बार भारत देश में विधानसभा का चुनाव पाकिस्तान के नाम पर लड़ा गया जबकि पाकिस्तान हमारा धुर विरोधी है. जिसके नाम लेने से हम नफरत करते है. उसके नाम ले लेकर हम विधानसभा का चुनाव लड़ते है.
पूरा चुनाव धार्मिक मुद्दों की तरफ ढकेला गया. अब वो हिंदुत्व की मशाल जलाने वाले लोग यकायक पर्दे से गायब कहाँ हो जाते है. जबकि उनको अब सामने आकर राम मंदिर का मुद्दा उठाना चाहिए. लेकिन नहीं उनको चुनाव चाहिए और सिर्फ वोट चाहिए और सिर्फ सत्ता का मद चाहिए.
देश के जागरूक नागरिक होने के बाबजूद हम सब इन बातों पर शांत हो जाते है. जबकि किसी भी हिन्दू और मुस्लिम पर हमको सवाल उठाने से पहले अपने गिरेवान में झांकना चाहिए.
राहुल मंदिर क्यों गये?
राहुल ने जनेऊ क्यों पहना?
पाकिस्तान के सभी मसले हल हो गये क्या?
ओरंगजेब के परिजन भारत छोड़ गये क्या?
पद्मावती रानी फिल्म के लिए अब तैयार हो गई?