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मोदी क्यों नहीं मान रहे आरएसएस की मांग, कांग्रेस के मुंह भी जम गया है दही बोलेगा कौन?

मोदी क्यों नहीं मान रहे आरएसएस की मांग,  कांग्रेस के मुंह भी जम गया है दही बोलेगा कौन?
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भारत के उन सभी सैनिकों की शहादत कभी जेहन से नहीं भुलाई नहीं जा सकती है. उनके परिजनों की चीत्कार हर समय कानों में गूंजती रहती है. फिर भी इस देश के राजनैतिक लोग उन पर हमला बोलने से नहीं चूकते है. अब आरएसएस प्रमुख मोहन भागवत कह रहे है कि सेना तो छह महीने लेगी लेकिन आरएसएस के लोग तीन दिन में बदला ले लेंगे.


अरे आरएसएस चीफ मोहन भागवत जी आपको कौन रोक रहा है सरकार आपकी है. लेकिन मेरे देश के सैनिकों का मनोबल मत गिराओ अब पीएम भी किसी और पार्टी के नहीं है. पीएम भी आपके है फिर कहाँ दिक्कत आ रही आपकी आरएसएस को हमला करने में. बोल दो पाकिस्तान में जाकर वंदेमातरम् बोल दो हिंदुस्तान जिंदाबाद पूरा देश आपके पीछे खड़ा हो जाएगा लेकिन मेरे सैनिकों पर ऊँगली मत उठाइये. वरना इस ऊँगली का जबाब ऊँगली से ही मिल जायेगा.


बात विपक्ष की करते है जिसके मुंह में हमेशा दही जमा रहता है. जो कि इतनी बड़ी बात पर ख़ामोशी अख्तियार किये बैठी है. देश की सेना पर कोई बात बोलता ही तो अंदर ही अंदर हर भारतीय का खून खौल उठता है. जब रोज सैनिक शहीद हो रहे है, और आरएसएस प्रमुख के पास कोई बढ़िया प्लान है तो पक्ष और विपक्ष को मिलकर उनका सहयोग लेना चाहिए और इन सैनिकों की जगह आरएसएस के नुमाईनदों को भेजकर सीमा सुरक्षित करा लेनी चाहिए.


लेकिन दुर्भाग्य है इस देश का जिस देश का सैनिक बिना भय और लोभ के भीषण हाड गलाने वाली ठंड जिसमें बर्फ के जिस्म से छुते ही गलाव पैदा हो जाता है और गर्मी हो चाहे बरसात सीमा पर खड़ा देश की रक्षा करता है. उस पर अगर सवालिया निशान अपनी राजनीत को लेकर लगा रहे हो तो इससे बढ़ा गलत कार्य कोई और नहीं होगा.

में इस देश के सभी सैनिकों को सेल्यूट करता हूँ और उनके जज्बे को सलाम करता हूँ. जय हिन्द

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