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दिलीप कुमार का 95वां बर्थडे, जानिए- यूसुफ खान से कैसे बनें ट्रेजडी किंग दिलीप कुमार

Arun Mishra
11 Dec 2017 6:54 AM GMT
दिलीप कुमार का 95वां बर्थडे, जानिए- यूसुफ खान से कैसे बनें ट्रेजडी किंग दिलीप कुमार
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ट्रेजडी किंग के नाम से मशहूर हुए दिलीप कुमार आज अपना 95वां जन्मदिन मना रहे हैं..
मुंबई : बॉलीवुड के महान अभिनेता दिलीप कुमार आज अपना 95वां जन्मदिन मना रहे हैं. ट्रेजडी किंग के नाम से मशहूर हुए दिलीप कुमार का जन्म 11 दिसंबर, 1922 को हुआ था. दिलीप कुमार पर वैसे तो देश-विदेश की कई लड़कियां जान छिड़कती थीं, लेकिन उन्हें सायरा बानो पसंद आईं. सायरा उनसे 22 साल छोटी हैं.

शादी के समय दिलीप की उम्र 44 थी, जबकि सायरा की 22 साल. दोनों ने 11 अक्टूबर, 1966 को ब्याह रचाया था. जब भी बॉलीवुड सितारों की प्रेम कहानियों की बात की जाती है तो सायरा बानो और दिलीप कुमार का नाम सबसे पहले लिया जाता है. शादी के इतने साल बाद भी सायरा और दिलीप का रिश्ता उतना ही मजबूत है. अल्जाइमर से पीड़ित दिलीप कुमार का सायरा पूरा ख्याल रखती हैं. कहीं जाना होता है तो दोनों साथ ही जाते हैं.



- अगर आप दिलीप कुमार के नाम और उनकी पहचान के बारे में कुछ ज्यादा नहीं जानते हैं तो शुरुआत करते हैं उनके असली नाम से. दिलीप कुमार का असली नाम मुहम्मद यूसुफ खान है. उनका जन्म पेशावर (अब पाकिस्तान में) में 11 दिसंबर, 1922 को हुआ था. कुल 12 भाई-बहन हैं. इतने बड़े परिवार की जिम्मेदारी संभालने वाले उनके पिता फल बेचा करते थे. इसके अलावा उन्होंने घर का कुछ हिस्सा किराए पर दिया हुआ था. यहां से आने वाला किराया और पिता के फलों की बिक्री से ये पूरा परिवार गुजर-बसर करते थे. उन्होंने नासिक के बार्नेस स्कूल से पढ़ाई की थी. 1930 में उनका परिवार पेशावर से मुंबई आ गया.


- साल 1940 में पिता से मतभेद के कारण वह घर छोड़कर पुणे आ गए. यहां एक पारसी कैफे मालिक की मदद से दिलीप साहब एक कैंटीन कॉन्ट्रैक्टर से मिले. इसके बाद अपनी अच्छी अंग्रेजी और पढ़ाई लिखाई के दम पर उन्हें नौकरी मिली. उन्होंने आर्मी क्लब के बाहर सैंडविच का स्टॉल लगाया और कॉन्ट्रैक्ट खत्म होने तक वह पांच हजार रुपए बचा चुके थे. यह पैसे लेकर वह अपने घर मुंबई गए.

- एक बार अच्छा मुनाफा कमा चुके दिलीप कुमार ने घर में पिता की मदद के लिए काम शुरू करने का फैसला किया. उन्होंने मुंबई के चर्चगेट स्टेशन पर डॉक्टर मसानी से मुलाकात की. उन्होंने दिलीप साहब को बॉम्बे टॉकीज में अपना साथ देने का ऑफर दिया. यहां उनकी मुलाकात बॉन्बे टाकीज की मालकिन देविका रानी से हुई.




- देविका ने उन्हें 1250 रुपए महीने की सैलरी पर नौकरी दे दी. यहां काम शुरू हुआ तो अशोक कुमार से परिचय हुआ. बॉम्बे टकीज में उनकी दोस्ती सशाधर मुखर्जी से हुई. यहां दिलीप कुमार को अपने उर्दू ज्ञान का खूब फायदा हुआ. वह कहानी लिखने और स्क्रिप्टिंग के मामलों में मदद करने लगे.


- साथ काम करते-करते देविका रानी ने युसुफ (दिलीप कुमार) को अपना नाम बदलने को कहा और बाद में उन्हें अपनी फिल्म 'ज्वार भाटा' में साइन कर लिया. साल 1944 में आई ये फिल्म उनकी डेब्यू फिल्म बनी.

- 1949 में फ़िल्म "अंदाज़" में बॉलीवुड के शोमैन और ट्रैजडी किंग ने साथ काम किया यानि दिलीप कुमार ने पहली बार राजकपूर के साथ काम किया. यह फ़िल्म एक हिट साबित हुई. दीदार (1951) और देवदास (1955) जैसी फ़िल्मों में गंभीर भूमिकाओं की वजह से उन्हें ट्रेजडी किंग कहा जाने लगा.



- दिलीप कुमार ने बॉलीवुड के कई बड़े सितारों के साथ काम किया. फिल्म शक्ति मे उन्होंने अमिताभ बच्चन के साथ काम किया. इस फिल्म के लिए उन्हे बेस्ट एक्टर का फ़िल्मफ़ेयर पुरस्कार भी मिला.




- एक वक्त था जब कहते हैं कि ट्रेजडी किंग दिलीप कुमार का एक आटोग्राफ लेने के लिए अमिताभ जब एक रेस्तरां के बाहर आधे घंटे खड़े थे उन्होंने तो कभी सोचा भी नहीं था कि एक दिन वो अपने इस हीरो के साथ कैमरे के सामने भी खड़े होंगे. लेकिन शक्ति सामंता की 'शक्ति' के मुहूर्त में जब बच्चन दिलीप कुमार के सामने हेलीकाप्टर से उतरे तो सातवें आसमान पर थे. दिलीप कुमार के सामने उनके पैर कांप रहे थे लेकिन फिल्म 'शक्ति' बॉलीवुड की क्लासिक फिल्मों में से एक हो गई थी.
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