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गुजरात में 2654 करोड़ रुपये का नया बैंक फ्रॉड आया सामने, CBI छापे से पहले उद्योगपति फरार

Arun Mishra
8 April 2018 7:00 AM GMT
गुजरात में 2654 करोड़ रुपये का नया बैंक फ्रॉड आया सामने, CBI छापे से पहले उद्योगपति फरार
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मैनेजिंग डायरेक्टर अमित भटनागर पर 19 बैंकों का 2654.40 करोड़ रुपये नहीं चुकाने का आरोप है.
गुजरात से एक और बड़ा बैंक फ्रॉड सामने आया है. बैंकों का करोड़ों रुपये लोन डकारने के आरोपी वडोदरा के उद्योगपति अमित भटनागर के ठिकानों पर CBI ने छापेमारी की है. डायमंड पॉवर इन्फ्रास्ट्रक्चर लिमिटेड के मैनेजिंग डायरेक्टर अमित भटनागर पर 19 बैंकों का 2654.40 करोड़ रुपये नहीं चुकाने का आरोप है.
CBI की इकोनॉमिक ऑफेंस टीम ने अमित भटनागर और उनके परिवार के सदस्यों के ठिकानों पर छापेमारी की है. वडोदरा के व्हिसलब्लोवर ने सबसे पहले अमित भटनागर के 40 करोड़ सेनवेट क्रेडिट स्कीम के बारे में अथॉरिटीज को सूचित किया था, मगर उनकी चिट्ठी पर किसी ने ध्यान नहीं दिया.
व्हिसलब्लोवर शैलेष अमीन का कहना है कि अगर उसी समय कार्यवाही होती तो इतना बड़ा स्कैम नहीं होता.
सीबीआई ने बताया कि छापेमारी के दौरान काफी अहम दस्तावेज बरामद किए गए हैं, जिसमें अमित भटनागर की कई कम्पनियों में नेताओं के सगे-संबंधियों की पार्टनरशिप का खुलासा हुआ है. लेकिन छापेमारी से चंद घंटे पहले अमित भटनागर वडोदरा से फरार हो गया.
उल्लेखनीय है कि अमित भटनागर PM नरेंद्र मोदी की अति महत्वाकांक्षी योजना स्वच्छ भारत अभियान का ब्रांड एम्बेसडर रह चुका है. अमित भटनागर की कंपनी डायमंड पॉवर इंडस्ट्रियल केबल और ट्रांसफार्मर का उत्पादन करती है. डायमंड पॉवर के नाम पर पिछले 10 वर्षों में अनेक बैंकों से कर्ज लिए गए.
अमित भटनागर के राज्य सरकार में कई मंत्रियों और BJP नेताओं से नजदीकी संबंध रहे हैं और PM मोदी, मुख्यमंत्री विजय रुपानी, पूर्व मुख्यमंत्री आनंदीबेन पटेल के साथ उसकी कई तस्वीरें हैं.
गुजरात के ऊर्जा मंत्री और BJP के कद्दावर नेता सौरभ पटेल से भी अमित भटनागर के करीबी संबंध रहे हैं. बताया जाता है कि शीर्ष नेताओं से निकटता के चलते ही उसकी कंपनी को आराम से कर्ज मिल जाता था.
अब इस बैंक फ्रॉड को लेकर मुख्य विपक्ष दल कांग्रेस ने BJP पर निशाना साधा है. गुजरात कांग्रेस के प्रवक्ता निलेश ब्रह्मभट्ट का कहना है कि इस मामले की पुरी जांच होनी चाहिए. अगर जांच होगी तो गुजरात सरकार के कइ मंत्रियों के नाम इस घोटाले में सामने आएंगे.
उन्होंने यह भी आरोप लगाया कि रिजर्व बैंक की सूचि में अमित भटनागर की कंपनी को पहले ही डिफॉल्टर घोषित किया जा चुका था, इसके बावजूद बैंक के अधिकारियों की मिलीभगत से अमित भटनागर को कंपनी को कर्ज मिलता चला गया.
अमित भटनागर की कंपनी द्वारा न चुकाए गए बैंकों के कर्ज की लिस्ट
बैंक ऑफ इंडिया- 670.51 करोड़
बैंक ऑफ बड़ौदा- 348.99 करोड़
आईसीआईसीआई बैंक- 279.46 करोड़
इलाहाबाद बैंक- 227.96 करोड़
एक्सिस बैंक- 255.32 करोड़
देना बैंक- 177.19 करोड़
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