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'व्यवसायिक स्वास्थ्य खतरों के लिए योग' पर अंतर्राष्ट्रीय संगोष्ठी

व्यवसायिक स्वास्थ्य खतरों के लिए योग  पर अंतर्राष्ट्रीय संगोष्ठी
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इंटरनेशनल फेडरेशन ऑफ योग प्रोफेशनल्स (एफवायपी) द्वारा 18 फरवरी, 2018 को 'इंद्रप्रस्थ अपोलो हॉस्पिटल' के सभागार में 'व्यवसायिक स्वास्थ्य खतरों के लिए योग'(योगा फार ऑक्यूपेशनल हेल्थ हैजार्ड्स) पर एक अंतर्राष्ट्रीय संगोष्ठी का आयोजन किया गया| संगोष्ठी किसी भी व्यवसाय में कार्यरत लोगों को व्यवसाय की जरुरत के कारण जीवनशैली में बदलाव के कारण लम्बे समय में होनें वाली स्वास्थ्य समस्यायों को कम करने के लिए योग द्वारा उपचारात्मक उपायों पर केंद्रित थी।
अपोलो अस्पताल के डॉ रमन पुरी मुख्य अतिथि थे। पूरे देश के 200 से अधिक प्रतिभागियों ने संगोष्ठी में भाग लिया। इस अवसर पर अर्जेंटीना, आयरलैंड, फ्रांस और अमरीका आदि देशों के प्रतिनिधियों की उपस्थिति रही।
इस अवसर पर मेडिकल काउंसिल ऑफ इंडिया के पूर्व चेयरमैन डॉ के.के. अग्रवाल, एम्स के फिजियोलॉजी विभाग के प्रोफेसर डॉ राजकुमार यादव (एमडी) और एम्स से डॉ नीता कुमार (MBBS, MD, DNB ( oncology) Currently working in ICMR under Ministry of Health and family welfare, Government of India) जैसे प्रसिद्ध व्यक्तित्व ने इस विषय पर प्रस्तुतीकरण किया।
एम्स के डॉ राजकुमार यादव ने मीडिया से बात करते हुए बताया कि शोध से पता चलता है कि योगाभ्यास मधुमेह (टाईप 2), कैंसर और उच्च रक्तचाप आदि के साथ रोगियों को काफी लाभ पहुंचाता है। उन्होंने कहा कि जब दवाओं के साथ रोगियों को योग करनें की सलाह दी गई तो उनके जीवन में काफी बदलाव हुये और वे काफी लाभान्वित हुए हैं यहां तक ​​कि स्तन कैंसर में, योग के अभ्यास से रोगियों के स्वास्थ्य में महत्वपूर्ण बदलाव दिखायी दिया।
डॉ के.के. अग्रवाल, भारत के मेडिकल कौंसिल के पूर्व अध्यक्ष, ने सिम्पेथिटिक और पैरासिम्प्थिटिक नर्वस सिस्टम और उन पर ध्यान के सकारात्मक प्रभाव के बारे में चर्चा की।
आयरिश से योग और प्राकृतिक चिकित्सा शिक्षक एम. पेट्रीसिया जो नें अपनी प्रस्तुति में योग द्वारा तनाव, पेशी व कंकाल, परिसंचरण, श्वसन, पाचन, तंत्रिका, इम्यून और एंडोक्राइन सिस्टम के सकारात्मक प्रभाव के बारे में विस्तार से बताया। उन्होंने आसनस, प्राणायाम, ध्यान और व्यवसायों से बढ़ने वाले स्वास्थ्य खतरों से निपटने में मंत्रों का जप करने की आवश्यकता पर बल दिया।
नोएडा से योगाचारी अन्तरंग आनंद योगी ने शरीर-मन की बातचीत, चक्रों (मानसिक ऊर्जा केंद्र) और शरीर में विभिन्न ग्रंथियों पर उनके प्रभाव समझाते हुए एक प्रस्तुति दी। सात्विक भोजन की जरूरत, अम्लीय भोजन पर अल्कोलाईन भोजन का चयन करने पर बल दिया गया।
अन्य स्पीकर्स ने व्यावसायिक स्वास्थ्य खतरों से निपटने में योग के उत्कृष्ट लाभों के बारे में उपयोगी और महत्वपूर्ण बिंदु बताये।
योग विज्ञान का शरीर-मन समन्वय के लिये प्राचीन समय से व्यापक रूप से अभ्यास किया जा रहा है और विश्व स्तर पर शोध किया जा रहा है। चिकित्सीय योग को योग आसन के रूप में परिभाषित किया गया है और विभिन्न व्यवसायिक स्वास्थ्य खतरों के इलाज के लिए प्रयुक्त किया जाता है | संगोष्ठी से किसी भी व्यवसाय में लगे लोगों व रोज़मर्रा के जीवन में योग के व्यावहारिक अनुप्रयोग की जानकारी का लाभ उठाया। व्यवसायिक खतरों से पैदा होने वाले दर्द और तनाव से राहत पाने में योग उपयोगी साबित हुआ है।
इंटरनेशनल फेडरेशन ऑफ योग प्रोफेशनल्स (आईएफवायपी) के अध्यक्ष सदानन्द जी ने कहा कि कार्मिक के स्वास्थ्य पर हर वर्ष अरबों रुपये खर्च किये जाते हैं| व्यवसाय जिसपर किसी भी देश की अर्थव्यवस्था टिकी रहती है यदि उस व्यव्साय के कार्मिक बिमार हो जाये तो उस देश की क्या दशा होगी| अत: कार्मिक स्वास्थ्य को योग द्वारा न्युनतम खर्चे पर मेंटेन किया जा सकता है और देश की उत्पादन क्षमता में वृद्धी की जा सकती है और उद्योग के साथ साथ कर्मिक सपरिवार सुखी स्वस्थ्य व समृध हो सकते हैं। प्रत्येक व्यव्सायों में योग लागू करनें से रोजगार के अनेकानेक अवसर उत्पन्न होंगे जिससे स्वास्थ्य के साथ साथ बेरोजगारी की समस्या से भी कुछ हद तक छुट्कारा पायाजा सकता है।
इंटरनेशनल फेडरेशन ऑफ योग प्रोफेशनल्स (आईएफवायपी) द्वारा आयोजित 'व्यावसायिक स्वास्थ्य खतरों के लिए योग' की अंतर्राष्ट्रीय संगोष्ठी में भागीदारी, प्रतिक्रिया और संगोष्ठी के में बड़ी सफलता की। आईएफवायपी ग्राउंड लेवल पर योग को बढ़ावा देने के लिए प्रतिबद्ध है और भविष्य में सभी के लाभ के लिए इस तरह के अंतर्राष्ट्रीय सेमिनार आयोजित करेगा।
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