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सावधान: निपाह वायरस से खुद को ऐसे बचाएं, जानें कैसे फैलता है इसका संक्रमण
नई दिल्ली : हाल ही में निपाह वायरस के आंतक से न सिर्फ लोग सदमे में हैं, बल्कि इस वायरस की चपेट में आने से अब तक करीब 12 लोगों की मौत हो गई है। देश के तमाम राज्य इस वायरस से निपटने के लिए एडवायजरी जारी कर चुके हैं। इस वायरस निपटने के लिए कई कदम उठाए जा रहे हैं।
विशेषज्ञों की मानें तो इस वायरस से हम कुछ सावधानी बरतकर आसानी से निपट सकते हैं। साफ-सफाई की आदतें जैसे बार-बार हाथ धोना और भोजन अच्छी तरह पकाने के बाद ग्रहण करने से आप मस्तिष्क को नुकसान पहुंचाने वाले निपाह वायरस के संपर्क में आने से बच सकते हैं।
निपाह वायरस जानवरों से इंसानों में फैलता है, जबकि एक इंसान से दूसरे इंसान में फैलने के भी सबूत मिले हैं। ये वायरस एक इंसान से दूसरे इंसान में तेजी से फैलता है। विशेषज्ञों की मानें तो इस वायरस से ग्रसित व्यक्ति से एक मीटर की दूरी पर रहने से इसके इन्फेक्शन का खतरा नहीं रहता।
सबसे पहले यह वायरस मलेशिया के सुअर पालकों में पाया गया। फिर यह सिलीगुड़ी, पश्चिम बंगाल में 2001 में और दोबारा 2007 में पाया गया। लेकिन अब यह वायरस केरल के चार जिलों -कोझिकोड, मल्लपुरम, कन्नूर और वायनाड- में पाया गया है।
इसे पहले निपाह वायरस को लेकर यह बात सामने आ रही थी कि चमगादड़ से ही इसके वायरस फैल रहे हैं, मगर अब जांच में यह बात सामने आई है कि निपाह वायरस का मुख्य कारण चमगादर नहीं है। शुक्रवार को अधिकारियों ने केरल के कोझिकोड और मल्लपुरम में 12 जिंदगियां छीनने वाले निपाह वायरस के फैलने के पीछे चमगादड़ के होने की बात से इनकार कर दिया है।
आपको बता दें निपाह वायरस संक्रमित सुअरों, चमगादड़ों के लार, मूत्र या मल द्वारा संचारित होता है। यह एक मानव से दूसरे मानव में श्वास के जरिए फैल सकता है। निपाह वायरस के संपर्क में आने पर सांस लेने में दिक्कत, बुखार, बदन दर्द, कफ आदि की समस्या हो सकती है।
अगर आप प्रभावित क्षेत्र की यात्रा कर रहे हैं तो मास्क का इस्तेमाल करें। खांसने के दौरान रूमाल से मुंह ढक लें। अच्छी तरह से हाथ धोएं। केरल सरकार ने इस बीमारी से बचाव के उपाय के लिए एक एंटी वायरल रिबावरिन का इस्तेमाल शुरू कर दिया है। प्रशासन की ओर से लोगों को इसके लिए खुले स्थान का पानी पीने या पेड़ से गिरे फल को खाने से बचने का निर्देश दिया है।