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काठमांडू : नेपाल और भारत में गतिरोध लगातार बढ़ता जा रहा है। रविवार को नेपाल ने एक बड़ा कदम उठाते हुए अपने देश में सभी भारतीय न्यूज चैनलों को बंद कर दिया।
इससे पहले शनिवार को खबर आई थी कि नेपाल कॉम्युनिस्ट पार्टी माओवादी ने भारतीय दूतावास में खड़ी एक गाड़ी में आग लगा दी थी। नेपाल-भारतीय सीमा पर महीनों से नाकेबंदी चल रही है। नेपाली मधेसियों ने सीमा को बंद कर रखा है।
मधेसी नेपाली संसद द्वारा स्वीकार किए गए नए संविधान से असहमत हैं। मधेसियों का कहना है कि नए संविधान के जरिए उन्हें अपने ही देश में अलग-थलग किया जा रहा है। मधेसियों को लेकर भारत ने भी चिंता जतायी है। दूसरी तरफ नेपाल का कहना है कि नाकेबंदी भारत के कारण हुई है। नेपाल ने खुलकर आरोप लगाया है कि भारत उनके आंतरिक मामलों में हस्तक्षेप कर रहा है। भारत ने नेपाल की शिकायत यूएन तक में की है।
इससे पहले भी नाकेबंदी को लेकर नेपाल के केबल ऑपरेटर्स ने 42 भारतीय चैनलों को ब्लॉक कर दिया था। नेपाल का कहना है कि भारत ने नेपाल में आपूर्ति बाधित करने के लिए अघोषित रूप से नाकेबंदी कर रखी है। दक्षिण नेपाल में नए संविधान को लेकर व्यापक विरोध-प्रदर्शन हो रहा है। नेपाल के नए संविधान को लेकर भारत भी समहत नहीं है। हालांकि भारत किसी भी तरह की नाकेबंदी से इनकार कर रहा है।
नेपाल में माओवादी पार्टियों ने भारतीय सिनेमा और टीवी चैनल्स का खुलेआम विरोध किया था। तब नेपाल केबल टेलिविजन के प्रेजिडेंट ने कहा था कि यह बंदी बेमियादी होगी। नेपाल का कहना है कि भारत उनकी संप्रभुता पर अटैक कर रहा है। काठमांडू के सिनेमा हॉलों में भारतीय फिल्मों की प्रदर्शनी भी रोक दी गई थी।
साभार : NBT
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