- होम
- राज्य+
- उत्तर प्रदेश
- अम्बेडकर नगर
- अमेठी
- अमरोहा
- औरैया
- बागपत
- बलरामपुर
- बस्ती
- चन्दौली
- गोंडा
- जालौन
- कन्नौज
- ललितपुर
- महराजगंज
- मऊ
- मिर्जापुर
- सन्त कबीर नगर
- शामली
- सिद्धार्थनगर
- सोनभद्र
- उन्नाव
- आगरा
- अलीगढ़
- आजमगढ़
- बांदा
- बहराइच
- बलिया
- बाराबंकी
- बरेली
- भदोही
- बिजनौर
- बदायूं
- बुलंदशहर
- चित्रकूट
- देवरिया
- एटा
- इटावा
- अयोध्या
- फर्रुखाबाद
- फतेहपुर
- फिरोजाबाद
- गाजियाबाद
- गाजीपुर
- गोरखपुर
- हमीरपुर
- हापुड़
- हरदोई
- हाथरस
- जौनपुर
- झांसी
- कानपुर
- कासगंज
- कौशाम्बी
- कुशीनगर
- लखीमपुर खीरी
- लखनऊ
- महोबा
- मैनपुरी
- मथुरा
- मेरठ
- मिर्जापुर
- मुरादाबाद
- मुज्जफरनगर
- नोएडा
- पीलीभीत
- प्रतापगढ़
- प्रयागराज
- रायबरेली
- रामपुर
- सहारनपुर
- संभल
- शाहजहांपुर
- श्रावस्ती
- सीतापुर
- सुल्तानपुर
- वाराणसी
- दिल्ली
- बिहार
- उत्तराखण्ड
- पंजाब
- राजस्थान
- हरियाणा
- मध्यप्रदेश
- झारखंड
- गुजरात
- जम्मू कश्मीर
- मणिपुर
- हिमाचल प्रदेश
- तमिलनाडु
- आंध्र प्रदेश
- तेलंगाना
- उडीसा
- अरुणाचल प्रदेश
- छत्तीसगढ़
- चेन्नई
- गोवा
- कर्नाटक
- महाराष्ट्र
- पश्चिम बंगाल
- उत्तर प्रदेश
- राष्ट्रीय+
- आर्थिक+
- मनोरंजन+
- खेलकूद
- स्वास्थ्य
- राजनीति
- नौकरी
- शिक्षा
राष्ट्रीय
कट्टरपंथी देश में ऐसे मिला महिलाओं को मौका, सफीना बनीं थी पहली महिला वोटर
Special News Coverage
13 Dec 2015 6:45 AM GMT
रियादः सऊदी अरब के इलेक्शन्स में पहली बार किसी महिला कैंडिडेट ने जीत हासिल की है। सलमा बिन्त हिजाब अल ओतेबी ने मक्का म्यूनिसिपल काउंसिल के इलेक्शन में जीत दर्ज की है। जनता ने उन्हें मद्रकाह काउंसिल के लिए चुना है। बता दें कि बेहद कंजरवेटिव माने जाने वाले सऊदी अरब में ऐसा पहली बार हुआ है, जब महिलाओं ने इलेक्शन लड़ा भी और वोट भी डाला।
इससे पहले दो म्यूनिसिपल इलेक्शन हुए
- 2005 में देश का पहला म्यूनिसिपल इलेक्शन हुआ था। इसके बाद 2011 में चुनाव हुए।
- दोनों ही बार सिर्फ पुरुषों को चुनाव लड़ने की इजाजत दी गई।
कट्टरपंथी देश में ऐसे मिला महिलाओं को मौका
- पिछले एक दशक में यहां सोशल लेवल पर महिलाओं की भागीदारी बढ़ाने को लेकर कई कदम उठाए गए हैं।
- किंग अब्दुल्ला ने 2011 में महिलाओं को चुनाव लड़ने और वोटिंग की इजाजत दी थी।
सफीना बनीं थी पहली महिला वोटर
- महिलाओं को चुनाव में हिस्सा लेने की इजाजत इसी साल मिली। सफीना अबु अल-शमत वोटिंग के लिए रजिस्ट्रेशन करवाने वाली पहली महिला बनीं।
- इसके बाद जमाल अल-सादी ने वोटर के तौर पर रजिस्ट्रेशन करवाकर इतिहास में अपना नाम दर्ज करवाया।
Next Story