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अमेरिका चाहता है इराक का विभाजन

अमेरिका चाहता है इराक का विभाजन
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रूसी जियोपोलेटिकल स्टडीज़ सेन्टर के प्रमुख और रक्षामंत्रालय के पूर्व अधिकारी इवोशेफ़ ने कहा है कि अमेरिका, क्षेत्रीय देशों के विरुद्ध साज़िश रच रहा है और इराक़ी कुर्दिस्तान में जनमत संग्रह का आयोजन इन्हीं साज़िशों का भाग है।


हमारे संवाददाता की रिपोर्ट के अनुसार रूसी जियोपोलेटिकल स्टडीज़ सेन्टर के प्रमुख और रूस के रक्षामंत्रालय के अंतर्राष्ट्रीय संपर्क विभाग के डायरेक्टर जनरल इवोशेफ़ ने कहा कि अमेरिकी राष्ट्रपति जार्ज बुश के काल में बनने वाली ग्रेटर मिडिल ईस्ट की योजना जारी है और वाशिंग्टन अपने झूठे दावे के बावजूद जनमत संग्रह के आयोजन का समर्थन करता है। उनका कहना था कि कुछ अमेरिकी अधिकारियों ने झूठे दावे किए कि इराक़ी कुर्दिस्तान में रिफ़्रेंडम के आयोजन के विरोधी हैं किन्तु अमेरिका, सीरिया और इराक़ के विभाजन का इच्छुक है इसीलिए गुप्त रूप से वह आतंकवादी गुट दाइश का समर्थन कर रहा है और इस बारे में पुख्ता सबूत भी मौजूद हैं।


रूस के इस अधिकारी का कहना है कि अमेरिका खुलकर सीरिया में कुछ सशस्त्र गुटों और आतंकवादी गुटों का समर्थन कर रहा है इसीलिए सीरिया और इराक़ में अमेरिकी सैनिकों की उपस्थिति बहुत ख़तरनाक है और उनका लक्ष्य क्षेत्रीय देशों पर क़ब्ज़ा करना है। सी जियोपोलेटिकल स्टडीज़ सेन्टर के प्रमुख के अनुसार अफ़ग़ानिस्तान, लीबिया और यमन में संकट, अमरीका और उसके घटकों के षड्यंत्रों का परिणाम है और इसीलिए वर्तमान स्थिति में क्षेत्रीय देशों के लिए अमरीकी षड्यंत्रों को विफल बनाने के लिए एकजुटता बहुत ही आवश्यक है।

शिव कुमार मिश्र

शिव कुमार मिश्र

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