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अमेरिकी पर्वेक्षको ने कहा, अमेरिका उन देशों को तबाह करता है जो परमाणु हथियार छोड़ देते हैं

Majid Khan
30 Oct 2017 7:45 AM GMT
अमेरिकी पर्वेक्षको ने कहा, अमेरिका उन देशों को तबाह करता है जो परमाणु हथियार छोड़ देते हैं
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अमेरिका के एक लेखक व राजनैतिक टीकाकार का कहना है कि जो देश अमेरिकी हमले से सुरक्षित रहना चाहते हैं उन्हें चाहिए कि वे अपने परमाणु हथियार को न छोड़ें और जो भी देश इन मुद्दों पर अमेरिका से बात करने के लिए तैयार होगा वह तबाह हो जाएगा।

ई माइकल जोन्ज़ ने जो इंडियाना में मीडिया कमेन्टेटर, लेखक और द कल्चर वार्ज़ मैग़्ज़ीन के संपादक हैं, शनिवार को प्रेस टीवी से इंटर्व्यू में यह बात कही। गौरतलब है कि अमेरिकी रक्षा मंत्री जेम्ज़ मैटिस ने शनिवार को यह कहते हुए कि अमरीका को परमाणु शक्ति संपन्न उत्तर कोरिया क़ुबूल नहीं, वॉशिंग्टन और उसके किसी घटक के ख़िलाफ़ परमाणु हथियार के इस्तेमाल के जवाब में भारी सैन्य कार्यवाही की चेतावनी दी।

मैटिस ने शनिवार को दक्षिण कोरिया की राजधानी सियोल में कहा, "जान लो कि अमेरिका या हमारे घटक पर हमले को हम नाकाम बना देंगे। उत्तर कोरिया की ओर से किसी भी तरह के परमाणु हथियार के इस्तेमाल का प्रभावी व कुचल डालने वाला सैन्य जवाब दिया जाएगा।" ई माइकल जोन्ज़ ने कहा, "मैटिस का यह एलान ट्रम्प प्रशासन में अमेरिका की विदेश नीति में अस्पष्टता को दर्शाने के साथ ही मैटिस उत्तर कोरिया को चेतावनी दे रहे हैं कि वह परमाणु हथियार न रखे, जबकि यही ट्रम्प प्रशासन ईरान के साथ हुए परमाणु समझौते को प्रमाणित करने से मना कर रहा है।"

उन्होंने कहा, "सवाल यह उठता है कि अस्ल योजना क्या है? क्या वे शांतिपूर्ण बातचीत चाहते हैं या चाहते हैं कि लोगों के पास परमाणु हथियार हों और उन्हें परमाणु तबाही की धमकी दें। इस बारे में कोई स्पष्टीकरण नहीं है। इसलिए मेरे विचार में संदेश यह है कि जो भी देश अमेरिकी अतिक्रमण से सुरक्षित रहना चाहता है उसे परमाणु हथियार रखना चाहिए। यह बात तेज़ी से स्पष्ट होती जा रही है।"

इस पर्यवेक्षक ने कहा, "जो भी देश इन मुद्दों पर अमरीका के साथ बातचीत के लिए तैयार होगा उसे तबाह कर दिया जाएगा। जिसकी स्पष्ट मिसाल मेरी नज़र में लीबिया के मोअम्मर क़ज़्ज़ाफ़ी की है। जोन्ज़ ने अपने निष्कर्ष के तौर पर कहा, " लीबिया का अमेरिका के साथ सद्भावना के साथ बातचीत के लिए तैयार होने पर क्या हश्र हुआ? हिलेरी क्लिंटन ने उनके देश को तबा कर दिया। इसलिए मेरे विचार में अमरीकी विदेश नीति में अस्पष्टता न होने के बावजूद वॉशिंग्टन की ओर से यही संदेश साफ़ तौर पर आ रहा है।

दूसरे अमेरिकी टीकाकार डॉन डीबार ने शनिवार को इस ओर इशारा किया कि अमरीका ने परमाणु शक्ति देश पर कभी भी हमला नहीं किया। उन्होंने कहा, "अमेरिका राष्ट्रों को निरस्त्र, अस्थिर व भुखमरी की कगार पर लाने के बाद उनपर हमला करता है।"

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