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राष्ट्रीय
चीन की समाचार एजेंसी का अनुमान, बीजेपी भारत में हो रही है कमजोर, बताई यह है सबसे बड़ी वजह!
शिव कुमार मिश्र
9 July 2018 7:34 AM GMT
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चीन की सबसे बड़ी सरकारी न्यूज एजेंसी शिन्हुआ ने कहा है कि केंद्र में सत्ताधारी भारतीय जनता पार्टी की लोकप्रियता दिन ब दिन घटती जा रही है. इस विश्लेषण में यह अनुमान भी जताया गया है कि भारत में आम चुनाव समय से पहले हो सकते हैं.
यह है सबसे बड़ी वजह
चीन की समाचार एजेंसी की ओर से यह लेख रविवार को प्रकाशित हुआ है. इसमें मॉब लिंचिंग की घटनाओं को सत्ताधारी पार्टी की लोकप्रियता कम होने की वजह बताया गया है. इसके अलावा आर्थिक नीतियों- नोटबंदी और जीएसटी के असफल रहने को भी इसका एक कारण माना गया है. शिन्हुआ के विश्लेषण में कहा गया है कि हर बीतते दिन के साथ भाजपा की लोकप्रिया कम हो रही है, इसलिए आम चुनाव समय से पहले कराए जा सकते हैं. हाल में बड़े राज्यों में हुए लोकसभा उपचुनावों में हार को भी पार्टी के अलोकप्रिय होने के सबूत के तौर पर देखा गया है. ये चुनाव उत्तर प्रदेश, महाराष्ट्र, पश्चिम बंगाल, राजस्थान और बिहार में हुए थे.
चीन की सरकारी समाचार एजेंसी के विश्लेषण में लोकनीति और सीएसडीएस के सर्वे का भी जिक्र किया गया है. इस सर्वे में कहा गया है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की लोकप्रियता में काफी तेजी से कमी आ रही है.उपचुनावों में भारतीय जनता पार्टी के उम्मीदवारों की हार का जिक्र करते हुए कहा गया है कि देश के वोटरों का अब पार्टी से मोहभंग हो रहा है. कहा गया है कि पार्टी को आने वाले दिनों में एंटी इन्कमबेंसी फैक्टर का सामना करना पड़ेगा.
इस रिपोर्ट में इंडिया टुडे की एक रिपोर्ट का हवाला भी दिया गया है. इस रिपोर्ट में कहा गया था कि भाजपा 2019 के मद्देनजर दलित और ओबीसी वोटरों के बीच अपनी लोकप्रियता कम होने से चिंतित है. हालांकि, बीजिंग में मौजूद भारतीय राजनीति के विश्लेषकों को लगता है कि प्रधानमंत्री मोदी लगातार दूसरी बार सत्ता में लौटेंगे. कुछ लोगों का मानना है कि अबकी बार मोदी पहले से कमजोर स्थिति में लौटेंगे.
इस लेख के अंत में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और चीन के राष्ट्रपति शी जिनपिंग के संबंधों का भी जिक्र किया गया है. दोनों देशों के संबंधों को दूरगामी बताया गया है. आपको बता दें कि 28-29 अप्रैल को वुहान सम्मेलन से पहले चीन के अधिकारियों कहा था कि मोदी लोकप्रिय नेता हैं. इसके बाबजूद भी भारत में मोदी सरकार के वापसी की उम्मीद भी बताई गई है. लेकिन जिस तरह से सरकारी एजेंसी ने यह बात कही है वो कहीं न कहीं सरकार की घटती लोकप्रियता की और इशारा कर रही है.
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