राष्ट्रीय

इकलौते बेटे के मौलाना बनने से डिप्रेशन में है दाऊद इब्राहिम, जानिए पूरा मामला

Ekta singh
26 Nov 2017 11:33 AM GMT
इकलौते बेटे के मौलाना बनने से डिप्रेशन में है दाऊद इब्राहिम, जानिए पूरा मामला
x
इकबाल को मुंबई पुलिस द्वारा पिछले सितंबर में जबरन वसूली के तीन मामलों में गिरफ्तार किया गया था. इक

नई दिल्ली: अंडरवर्ल्ड डॉन दाऊद इब्राहिम इन दिनों डिप्रेशन से जूझ रहा है. खबरों के अनुसार वह डिप्रेशन की वजह से अकेलेपन का शिकार हो गया है. दरअसल, दाऊद अपने इकलौते बेटे द्वारा मौलाना बनने के फैसले से काफी दुखी है.

दाऊद के कुल चार बच्चे हैं जिनमें तीन बेटियां और एक बेटा मोइन नवाज डी कासकर है. दाऊद का बेटा मोईन ब्रिटेन में बिजनस मैनेजमेंट की पढ़ाई कर रहा था, साल 2011 में पाकिस्तान लौट आया, इसकी शादी भी हो चुकी है. जानकारी के मुताबिक शुरुआत से ही मोइन की रुचि धार्मिक कार्यों में ज्यादा थी

मुंबई पुलिस के अनुसार दाऊद इब्राहिम के डिप्रेशन के बारे में उन्हें दाऊद के ही छोटे भाई इकबाल इब्राहिम से पूछताछ के दौरान जानकारी मिली. इकबाल ने पुलिस को बताया कि वह दाऊद परिवार के अंदर चल रही अशांति से खासा परेशान और दुखी है.

इकबाल को मुंबई पुलिस द्वारा पिछले सितंबर में जबरन वसूली के तीन मामलों में गिरफ्तार किया गया था. इकबाल कास्कर ने जांचकर्ताओं को बताया कि दाऊद बहुत परेशान है. अब वह पहले की तरह अपने खास लोगों से भी दूरी बनाकर रहता है.

दिन पे दिन उसकी सेहत भी खराब होती जा रही है. इकबाल ने पुलिस को बताया कि दाऊद के दूसरे भाई अनीस इब्राहिम कासकर की अब उम्र बढ़ रही है और उसका भी स्वास्थ्य ठीक नहीं है.

साथ ही अन्य भाइयों की मृत्यु हो चुकी है. ऐसे में उसे अपने बेटे से उम्मीद थी कि वह उसका कारोबार संभालेगा, लेकिन अब उसका बेटा भी उससे अलग हो गया है.

दाऊद इब्राहिम चाहता था कि उसका बेटा मोइन उसके साम्राज्य को संभाले, लेकिन मोइन ने उसकी अपेक्षाओं के उलट काम किया. मोइन नहीं चाहता है कि वह अपने पिता द्वारा बनाए गए अवैध धंधों के कारोबार में हिस्सेदार बने.

मुंबई पुलिस के अनुसार 'मोइन अपने पिता की अवैध गतिविधियों के खिलाफ है. मोइन नहीं चाहता था कि वह भी अपने पिता की तरह ही एक भगौड़े की तरह रहे.

मोइन ने खुद को दाऊद के अवैध धंधों से अलग रखने के लिए ही खुद को मौलाना घोषित किया है. मौलाना को 'हाफिज-ए-कुरान' कहा जाता है, जिसने पवित्र कुरान को पूरा याद किया है.

इसके अलावा, उसने कराची के पॉश सदर उपनगर के क्लिफ्टन इलाके में स्थित परिवार के बंगले को त्याग दिया है और अपने घर के आस-पास एक मस्जिद में एक सादगी पसंद जिंदगी जीने का विकल्प चुना है.

हालांकि, उसकी पत्नी सानिया और उसके तीन नाबालिग बच्चों ने उसका साथ नहीं छोड़ा है और मस्जिद प्रबंधन द्वारा उपलब्ध कराए गए छोटे से आवास में वे उसके साथ रहते हैं.


Next Story