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म्यांमार की सेना और चरमपंथी बौद्धों ने गत 25 अक्तूबर से राखीन प्रांत में रोहिंग्या मुसलमानों के खिलाफ दोबारा हिंसा आरंभ कर दी है जिसमें अब तक 6 हज़ार से अधिक मुसलमान हताहत और 8 हज़ार दूसरे घायल हो गये।
संयुक्त राष्ट्रसंघ ने म्यांमार की सरकार का आह्वान किया है कि वह इस देश के राखीन प्रांत में अपने सैनिकों की उन कार्यवाहियों को बंद करे जिसके कारण लाखों रोहिंग्या मुसलमान बेघर हो गये हैं। समाचार एजेन्सी रोयटर्ज़ की रिपोर्ट के अनुसार सुरक्षा परिषद ने राखीन प्रांत में हालिया दो सप्ताह के अंदर होने वाली हिंसा को नस्ली सफाये का उदाहरण बताया और उसकी भर्त्सना की।
इसी प्रकार सुरक्षा परिषद ने म्यांमार के राखीन प्रांत में मानवाधिकारों के हनन के प्रति चिंता जताई और म्यांमार की सरकार से अंतरराष्ट्रीय कानूनों पर अमल करने और मानवाधिकारों के सम्मान का आह्वान किया है।
ज्ञात रहे कि म्यांमार की सेना और चरमपंथी बौद्धों ने गत 25 अक्तूबर से राखीन प्रांत में रोहिंग्या मुसलमानों के खिलाफ दोबारा हिंसा आरंभ कर दी है जिसमें अब तक 6 हज़ार से अधिक मुसलमान हताहत और 8 हज़ार दूसरे घायल हो गये। इसी प्रकार 6 लाख रोहिंग्या मुसलमान बांग्लादेश भागने पर मजबूर हो गये। म्यांमार के 10 लाख रोहिंग्या मुसलमान अपने मौलिक अधिकारों से भी वंचित हैं।