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ट्रंप ने येरूशलम को बनाया इजरायल की राजधानी, ISIS ने दी खून की नदियां बहाने की धमकी

Arun Mishra
7 Dec 2017 6:41 AM GMT
ट्रंप ने येरूशलम को बनाया इजरायल की राजधानी, ISIS ने दी खून की नदियां बहाने की धमकी
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दुनिया भर के देशों के विरोध के बावजूद अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने येरुशलम को इजरायल की राजधानी के रूप में मान्यता दे दी है..
वाशिंगटन : दुनिया भर के देशों के विरोध के बावजूद अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने येरुशलम को इजरायल की राजधानी के रूप में मान्यता दे दी है। उन्होंने अमेरिकी प्रशासन को अपना दूतावास तेव अवीव से येरुशलम स्थानांतरित करने की प्रक्रिया तुरंत शुरू करने को कहा है। बुधवार को यह घोषणा करते हुए ट्रंप ने कहा, 'यह लंबे समय से अपेक्षित था।'

येरूशलम इस्लाम और ईसाईयों की श्रद्धा का केंद्र है. साथ ही यह इजरायल और अरब के बीच विवाद का भी केंद्र है। बता दें कि फिलिस्तीन पूर्वी येरूशलम को अपनी राजधानी मानता है, जहां अल अक्सा मस्जिद स्थित है।

राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने व्हाइट हाउस में कहा कि अमेरिकी प्रशासन इस काम को पूरा करने में तत्परता से लगा है। यरुशलम को इजरायल की राजधानी के तौर पर मान्यता देने का यह सही समय है, पिछले राष्ट्रपतियों ने इसे केवल चुनाव का मुद्दा बनाया, लेकिन इस पर अमल करने से बचते रहे।

अमेरिकी राष्ट्रपति ने अपने बयान में कहा कि 'मिडल ईस्ट में शांति प्रक्रिया को आगे बढ़ाने के लिए यह लंबे समय से बकाया कदम था।' उन्होंने यह भी कहा कि अगर इजराइल और फलस्तीन मंजूरी देते हैं तो अमेरिका टू स्टेट सॉल्यूशन देने के लिए भी तैयार है। ट्रंप के इस कदम को लेकर फलस्तीन के राष्ट्रपति महमूद अब्बास के प्रवक्ता ने बयान जारी करते हुए इसे बेहद खतरनाक कदम करार दिया है।

तेल अवीव स्थित अमेरिकी एंबेसी को येरूशलम ले जाने की अमेरिकी घोषणा के बाद अलकायदा और इस्लामिक स्टेट ने अमेरिका पर हमले की धमकी दी है। आतंक पर निगाह रखने वाली अमेरिका एजेंसी SITE इंटेल ग्रुप की निदेशक रीता काट्ज ने अपने ट्विटर अकाउंट से इस धमकी को पोस्ट किया है। उन्होंने कहा, 'तेल अवीव स्थित अमेरिकी एंबेसी को येरूशलम ले जाने की अमेरिकी घोषणा को आतंकी समूह भुनाने की फिराक में हैं।' काट्ज ने चेताते हुए कहा कि दुनिया को इस मुद्दे पर आतंकियों की ओर से एक लंबे अभियान के लिए तैयार रहना चाहिए।

आईएस की प्रोपगेंडा प्रैक्टिस के तौर पर बहुत सारे आईएस समर्थकों ने धमकी भरे ग्राफिक्स अंग्रेजी, अरबी और हिब्रू में भाषाओं में पोस्ट की हैं। आतंकी संगठन अलकायदा ने मुसलमानों से ओसामा बिन लादेन और फिलिस्तीन नेताओं के बयान के साथ इस मुद्दे पर आगे आने की अपील की है।
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