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भ्रष्टाचार के आरोपों में घिरे नेतन्याहू जांच मामले में रतन टाटा ने दी गवाही
नई दिल्ली: इसराइली मीडिया की रिपोर्ट के मुताबिक, भारत के जाने-माने उद्योगपति रतन टाटा ने प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू से संबंधित भ्रष्टाचार के मामले में इसराइली पुलिस के समक्ष गवाही दी है। हालांकि, टाटा के कार्यालय ने इन खबरों को 'तथ्यात्मक रूप से गलत' बताया हैं.
'द टाइम्स ऑफ इसराइल' की रिपोर्ट के अनुसार, नेतन्याहू को कथित तौर पर लाखों शेकेल (इसराइली मुद्रा) के महंगे उपहार दिए जाने के मामले में रतन टाटा ने पुलिस के समक्ष दो घंटे तक अपना बयान दर्ज कराया.हालांकि, इसराइल पुलिस के राष्ट्रीय प्रवक्ता मिकी रोसेनफील्ड ने बताया कि उन्हें इस बारे में कोई जानकारी नहीं हैं.
प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू के खिलाफ इस मामले को 'केस 1000' नाम दिया गया हैं. इसमें इसराइल के उद्योगपति और हॉलीवुड निर्माता आर्नन मिल्कन का नाम भी लिया जा रहा हैं.
"चैनल 10" की रिपोर्ट के मुताबिक, मिल्कन ने रतन टाटा से विचार-विमर्श करके नेतन्याहू को जॉर्डन-इजराइल सीमा के पास एक मुक्त व्यापार क्षेत्र बनाने के लिए कहा था. हालांकि, इस पर कभी अमल नहीं किया गया.
टाटा के कार्यालय ने एक ईमेल में इसराइली अधिकारियों के साथ उनकी मुलाकात का खंडन नहीं किया हैं. बयान में कहा गया है, 'नेतन्याहू का टाटा बेहद सम्मान करते हैं और उन्हें एक आदरणीय मित्र मानते हैं. ऐसे आरोप निराधार हैं और इनके पीछे कोई गहरी मंशा लगती हैं.'
इसराइल में 31 अक्टूबर और एक नवंबर को आयोजित स्मार्ट आवागमन व्यवस्था और ईधन के विकल्प पर आयोजित सम्मेलन से पहले इसराइली मीडिया के कुछ हलकों ने खबर प्रकाशित की थी कि सम्मेलन के दौरान टाटा देश में रहेंगे और जांच टीम इस मामले में उनसे पूछताछ कर सकती हैं. टाटा को यात्रा कार्यक्रम रद्द करने की सलाह दी गई थी, लेकिन वह योजना के अनुसार तेल अवीव में हुए सम्मेलन में शामिल हुए.
बयान के मुताबिक 1 नवंबर को दिन के करीब साढ़े तीन बजे डेविड इंटरनैशनल में दो लोगों से मिले थे.बैठक में उनकी तरफ से कोई पहचान नहीं बताई गई थी और रतन टाटा से पूछा गया था कि वो मिल्कन को कैसे जानते हैं और उनके कैसे कारोबारी रिश्ते हैं.