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रोहिंग्या मुसलमानों के बारे में सूची ने फिर दिया बयान
आंग सांग सूची ने म्यांमार में की जाने वाली हिंसा की निंदा की है। आंग सांग सूची ने कहा है कि चार लाख से अधिक रोहिंग्या मुसलमानों की स्थिति की समीक्षा की जाएगी। शांति का नोबेल पुरस्कार प्राप्त करने वाली सूची ने समस्त रोहिंग्या मुसलमानों की वापसी को सुनिश्चित किया है।
इसी के साथ आंग सांग सूची ने कहा है कि हिंसा को सहन नहीं किया जाएगा। सूची ने कहा कि उनकी सरकार देश में मानवाधिकारों के हनन की निंदा करती है। उन्होंने राख़ीन प्रांत में की जा रही हिंसा पर दुख जताया है। रोहिंग्या मुसलमानों के बारे में आंग सांग सूची का ताज़ा वक्तव्य, एेसी स्थिति में सामने आया है कि जब रोहिंग्या मुसलमानों के विरुद्ध की जाने वाली हिंसक कार्यवाहियों के बारे में पिछले एक साल से उन्होंने मौन धारण कर रखा था। कुछ लोगों का कहना है कि रोहिंग्या मुसलमानों पर किये जाने वाले खुल्लम खुल्ला अत्याचारों पर विश्व समुदाय की व्यापक प्रतिक्रिया ने म्यांमार की स्टेट काउन्सलर अपनी प्रतिक्रिया करने पर मजबूर हुई हैं।
यहां पर एक सवाल यह पैदा होता है कि नोबेल का शांति पुरस्कार प्राप्त आंग सांग सूची उस घटना के बारे में लंबे समय तक कैसे ख़ामोश रहीं जिसमें बड़ी निर्ममता से रोहिंग्या मुसलमानों की हत्याएं की गईं, उनके घर जला दिये गए और महिलाओं का अनादर किया गया। हांलाकि राख़ीन प्रांत में लोग ज़िंदा जलाए जा रहे थे और रोहिंग्या मुसलमानों का जातीय सफाया जारी था लेकिन सूची इसपर ख़ामोश बैठी थीं।
कुछ जानकारों का कहना है कि रोहिंग्या मुसलमानों के बारे में सूची की नई नीति, स्वयं पर पड़ने वाले अन्तर्राष्ट्रीय दबाव को कम करने के उद्देश्य से अपनाई गई है। हालांकि राष्ट्रसंघ को अभी इस बात की अनुमति नहीं है कि उसके प्रतिनिधि, म्यांमार में किये जा रहे मानवाधिकारों के हनन की समीक्षा के लिए वहां जाकर इसकी स्वंतत्र रूप में जांच करें। बताया जा रहा है कि अतिवादी बौद्धों और म्यांमार के सुरक्षाबलों की ओर से संयुक्त रूप में रोहिंग्या मुसलमानों पर किये जाने वाले ताज़ा हमलों में 25 अगस्त से अबतक कम से कम 6000 रोहिंग्या मुसलमान मारे गए और 8000 से अधिक घायल हो गए। इसी बीच चार लाख से अधिक रोहिंग्या मुसलमान पलायन करने पर विश्व हुए हैं।