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जहाँ एक और अमेरिका उत्तरी कोरिया को दुनिया से अलग थलग करने के प्रयासों में लगा है उसी तरफ दुनिया के दूसरी बड़ी शक्ति रूस उत्तरी कोरिया का सबसे बड़ा मददगार बन के उभरा है. इसका सबूत ये है की रूस की एक सरकारी कंपनी उत्तरी कोरिया को साइबर मदद मुहैय्या करवाएगी. इससे कोरिया के साइबर क्षमता में इज़ाफ़ा करेगी.
ग्लोबल इंटरनेट कनैक्टिवटी की निगरानी से जुड़ी संस्था डीवायएन रिसर्च के विश्लेषकों मुताबिक उत्तर कोरिया के लिए एक रूसी कंपनी ट्रांसटेलीकॉम की ओर से नई इंटरनेट सुविधा शुरू की गई है. संस्था के मुताबिक रूस की ओर से शुरू की गयी इस नयी लाइन की हाल में ही पहचान हुई है. यह लाइन उत्तर कोरिया में चीन की मौजूदा सर्विस यूनिकॉम के साथ मिलकर काम करेगी. चीन की यूनिकॉम उत्तर कोरिया में इंटरनेट ट्रैफिक का प्रबंधन पिछले सात सालों से कर रही है.
साइबर सिक्योरिटी कंपनी फायरआई के चीफ टेक्निकल ऑफिसर ब्रिस बोलेंड के मुताबिक, "यह लाइन नेटवर्क इन्फ्रास्टक्चर पर संभावित हमलों के खिलाफ उत्तर कोरिया को अतिरिक्त क्षमता देगी." वॉशिंगटन पोस्ट के हवाले से कहा गया था कि अमेरिकी साइबर कमांडर उत्तर कोरिया में हैकर्स के खिलाफ काम कर रहे थे ताकि इंटरनेट तक इनकी पहुंच को रोका जा सके.
दक्षिण कोरिया के रक्षा मंत्रालय की ओर से जारी सूचना मुताबिक, उत्तर कोरिया के पास साइबर हमलों में कुशल 6800 विशेषज्ञों की टीम है. उत्तर कोरिया के इन साइबर विशेषज्ञों पर हाइप्रोफाइल साइबर हमलों में शामिल होने का आरोप है. लेकिन महज एक इंटरनेट प्रदाता के जरिये साइबर तंत्र को किसी हमले से बचाना प्रशासन के लिए मुश्किलें खड़ी करता था. रूस की इस नयी सेवा के बाद यहां सूरत बदल सकती है. विशेषज्ञों के मुताबिक रूस के सहयोग वाले इस विकल्प के साथ उत्तर कोरिया को इंटरनेट के जरिये साइबर दुनिया में अलग-थलग करना इतना आसान नहीं होगा.