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राष्ट्रीय
दुनिया के प्रसिद्ध वैज्ञानिक प्रोफेसर स्टीफन हॉकिंग का 76 साल की उम्र में निधन
Arun Mishra
14 March 2018 5:04 AM GMT
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RIP. Stephen Hawking (File Photo)
एल्बर्ट आइंस्टिन के बाद दुनिया के सबसे महान सैद्धांतिक भौतिकीविद बने थे...
नई दिल्ली : दुनिया के महान वैज्ञानिक स्टीफन हॉकिंग का 76 की उम्र में आज कैम्ब्रिज स्थित उनके आवास पर निधन हो गया. हॉकिंग के परिवार ने बुधवार को एक बयान जारी कर उनके निधन की पुष्टि की है. ब्रिटिश वैज्ञानिक हॉकिंग के बच्चों लुसी, रॉबर्ट और टिम ने एक बयान में कहा है, हमें बहुत दुख के साथ सूचित करना पड़ रहा है कि हमारे पिता का आज निधन हो गया.
बयान के मुताबिक, वह एक महान वैज्ञानिक और अद्भुत व्यक्ति थे जिनके कार्य और विरासत आने वाले लंबे समय तक जीवित रहेंगे. उनकी बुद्धिमतता और हास्य के साथ उनके साहस और दृढ़- प्रतिज्ञा ने पूरी दुनिया में लोगों को प्रेरित किया है. उसमें कहा गया है, उन्होंने एक बार कहा था, अगर आपके प्रियजन ना हों तो ब्रह्मांड वैसा नहीं रहेगा जैसा है. हम उन्हें हमेशा याद करेंगे.
8 जनवरी 1942 को हुआ था जन्म
स्टीफन हॉकिंग का जन्म 8 जनवरी 1942 को फ्रेंक और इसाबेल हॉकिंग के घर में हुआ. परिवार वित्तीय बाधाओं के बावजूद, माता पिता दोनों की शिक्षा ऑक्सफ़र्ड विश्वविद्यालय में हुई जहाँ फ्रेंक ने आयुर्विज्ञान की शिक्षा प्राप्त की और इसाबेल ने दर्शनशास्त्र, राजनीति और अर्थशास्त्र का अध्ययन किया. वो दोनों द्वितीय विश्व युद्ध के आरम्भ होने के तुरन्त बाद एक चिकित्सा अनुसंधान संस्थान में मिले जहाँ इसाबेल सचिव के रूप में कार्यरत थी और फ्रेंक चिकित्सा अनुसंधानकर्ता के रूप में कार्यरत थे.
मोटर न्यूरॉन बीमारी के थे शिकार
हॉकिंग 1963 में मोटर न्यूरॉन बीमारी के शिकार हुए और डॉक्टरों ने कहा कि उनके जीवन के सिर्फ दो साल बचे हैं. लेकिन वह पढ़ने के लिए कैम्ब्रिज चले गये और एल्बर्ट आइंस्टिन के बाद दुनिया के सबसे महान सैद्धांतिक भौतिकीविद बने. दुनिया के सबसे प्रसिद्ध भौतिकीविद और ब्रह्मांड विज्ञानी पर 2014 में थ्योरी ऑफ एवरीथिंग नामक फिल्म भी बन चुकी है.
बढ़ती आबादी पर किया था सचेत
कुछ समय पहले ही स्टीफन हॉकिंग ने पृथ्वी पर रहने वाले लोगों को चेताया था कि अगर अपने आपको बचाए रखना है तो उन्हें पृथ्वी को छोड़कर अन्य ग्रह पर चले जाना चाहिए. स्टीफन हॉकिंग ने यह बात धरती पर लगातार बढ़ती आबादी, जलवायु में परिवतर्न और उल्का पिंडों के टकराव से बचने के लिए यह चेतावनी दी थी. उन्होंने कहा था कि अगर ऐसा ही रहा तो 600 सालों से भी कम में ये धरती आग का गोला बन जाएगी.
वह हमेशा लेक्चर के दौरान कहा करते थे इंसान को हमेशा सितारों की तरफ देखना चाहिए न कि अपने पैरों की ओर. सितारे आपको आगे बढ़ने की शक्ति देते हैं. वहीं वह यह भी कहा करते थे कि जिंदगी में कोई भी काम छोटा नहीं होता है बल्कि काम ही आपको जीने का मकसद देता है. अगर किसी आदमी की जिंदगी में काम नहीं होता है तो उसकी जिंदगी में जीने का कोई मकसद नहीं होता है.
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