राष्ट्रीय

तहरीके इंसाफ़ ने पाकिस्तान सरकार को सऊदी अरब के गठबंधन से दूर रहने की दी सलाह

Majid Khan
28 Nov 2017 1:00 PM GMT
तहरीके इंसाफ़ ने पाकिस्तान सरकार को सऊदी अरब के गठबंधन से दूर रहने की दी सलाह
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पाकिस्तान में तहरीके इंसाफ़ पार्टी की वरिष्ठ नेता शीरी मज़ारी ने सऊदी अरब के गठबंधन में पाकिस्तान के शामिल होने की ओर से ख़बरदार किया है। शीरी मज़ारी ने कहा कि सऊदी अरब ख़ुद ही क्षेत्र में अशांति व हिंसा का मुख्य कारण है और रियाज़ सरकार यमन की जनता के विरुद्ध सैनिक गठबंधन बनाकर मुसलमानों के बीच फूट डालना चाहती है।

उन्होंने कहा कि पाकिस्तान की सरकार इस गठबंधन में शामिल होने के संबंध में कोई भी फ़ैसला करने से पहले संसद को विश्वास में ले, मनमानी कोई क़दम न उठाए। इससे पहले पीपल्ज़ पार्टी के नेता फ़रहतुल्लाह बाबर ने भी कहा कि सरकार सऊदी अरब के नेतृत्व में बनने वाले गठबंधन का हिस्सा बनने से पहले संसद की स्वीकृति ज़रूर ली जानी चाहिए।

उन्होंने कहा कि रक्षा मंत्री ख़ुर्रम दस्तगीर ख़ान को चाहिए कि संसद की अनुमति के बग़ैर सऊदी अरब के अधिकारियों से कोई वादा न करें। सऊदी अरब से पाकिस्तान के अच्छे संबंध हैं लेकिन उसने जो गठबंधन बनाया है उसमें शामिल होने के लिए पाकिस्तान को सऊदी अरब की दावत के बारे में बहुत सावधानी से क़दम उठाना चाहिए। क्योंकि इस गठबंधन में शामिल होने का मतलब होगा यमन की जनता के नरसंहार में सऊदी अरब से सहयोग करना जो पाकिस्तान की जनता को कदापि पसंद नहीं है।

टीकाकार यह कहते हैं कि सऊदी अरब ने अपने गठजोड़ शामिल होने के लिए पाकिस्तान पर दबाव डालने के उद्देश्य से पाकिस्तान को मिलने वाली सहायता को सशर्त कर दिया है। पाकिस्तान के संबंध चूंकि अमरीका से तनावपूर्ण है इस लिए अब पाकिस्तानी अधिकारी यह चाहते हैं कि सऊदी अरब के गठबंधन का हिस्सा बन कर रियाज़ सरकार की सहानुभूति प्राप्त कर लें। मगर इस्लामाबाद सरकार यदि एसा कोई फ़ैसला करती है तो देश के भीतर तीखी प्रतिक्रिया सामने आएगी।

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