राष्ट्रीय

यूएन ने चेताया- सैन्य अभियान बंद करे म्यांमार

आनंद शुक्ल
14 Sep 2017 7:17 AM GMT
यूएन ने चेताया- सैन्य अभियान बंद करे म्यांमार
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आतंकियों के हमले करने के बाद म्यांमार के सैनिको ने 25 अगस्त को शुरुवाती जांच में कार्रवाही में 3,80,000 रोहिंग्या मुस्लिम शरणार्थियों को म्यांमार छोड़कर बांग्लादेश जाने पर मजबूर कर दिया।

आतंकियों के हमले करने के बाद म्यांमार के सैनिको ने 25 अगस्त को शुरुवाती जांच में कार्रवाही में 3,80,000 रोहिंग्या मुस्लिम शरणार्थियों को म्यांमार छोड़कर बांग्लादेश जाने पर मजबूर कर दिया।

यूनाइटेड नेशंस के महासचिव गुटरेस ने यूएन हेडक्वाटर में कहा, ''मैं म्यांमार प्रशासन से सैन्य कार्रवाई और हिंसा रोकने के अलावा कानून के शासन का पालन करना और देश छोड़कर जा चुके लोगों के वापसी के अधिकार को मान्यता देने की अपील करता हूं।''

यूनाइटेड नेशंस महासभा की सालाना बैठक से पहले गुटरेस ने यूनाइटेड नेशंस की एजेंसियों, एनजीओज़ और बाकियों से भी शरणार्थियों के लिए मानवीय सहायता की सप्लाई सुनिश्चित करने की अपील की।





इस हिंसा से सीमा के दोनों तरफ मानवीय संकट पैदा हो गया है। और ऐसे में सू ची पर पर सैन्य अभियान की निंदा करने का वैश्विक दबाव पड़ रहा है। यूनाइटेड नेशंस ने इसमें जातीय सफाये के सभी संकेत होने की बात कही है।

म्यांमार सरकार के प्रवक्ता जॉ हते ने कहा कि सू ची 19 सितंबर को टेलीविजन पर राष्ट्रीय सुलह और शांति के बारे में राष्ट्र को संबोधित करेंगी।

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