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राष्ट्रीय
यहां महिला सैनिको का होता है 'रेप', समय से पहले बंद हो जाते है पीरियड्स, जानिए...
आनंद शुक्ल
23 Nov 2017 11:31 AM GMT
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नार्थ कोरिया भले ही परमाणु हथियारों और सेना के बल पर पूरी दुनिया को चुनौती देकर एक महाशक्ति होने का दावा करा हो, यहां की सेना का दुनिया की चौथी सबसे बड़ी सेना बताई जाती है।
नई दिल्ली: नार्थ कोरिया भले ही परमाणु हथियारों और सेना के बल पर पूरी दुनिया को चुनौती देकर एक महाशक्ति होने का दावा करा हो, यहां की सेना का दुनिया की चौथी सबसे बड़ी सेना बताई जाती है, लेकिन अंदर की हकीकत कुछ और ही है। नार्थ कोरिया की सेना का बुरा हाल है, यहां के सैनिक कुपोषण का शिकार हो रहे हैं। और इतना ही नहीं यहां की महिला सैनिकों को नारकीय जीवन जीते हुए तमाम यातनाएं झेलनी पड़ती हैं। महिलाओं के साथ शोषण का आलम यह है कि उनके मासिक पीरियड्स कभी भी रुक जाते हैं। महिला सैनिकों के साथ रेप होना तो आम है।
एक पूर्व महिला सैनिक ने अपना दर्द बयां करते हुए बताया कि उनका बहुत ज्यादा शोषण किया जाता है, सेना में उनसे दुष्कर काम कराए जाते हैं। उसका नतीजा यह होता है कि महिलाओं के मासिक चक्र असमय ही रुक जाते हैं। सैनिक अधिकारी उनका आए दिन शारीरिक शोषण करते हैं। उन्हें रहने के लिए बहुत तंग जगह दी जाती है। खाने के लिए बस एक समय का भोजन मिलता है।
विभिन्न मीडिया हाउसों से आ रही ख़बरों के मुताबिक, नार्थ कोरिया के सैनिक जान बचाकर दक्षिण कोरिया या अन्य देशों में शरण ले रहे हैं। ऐसी ही एक पूर्व महिला सैनिक ली सो योन ने बताया कि वह नार्थ कोरिया की सेना में 10 साल रही। 17 साल की ली सो योन सेना में भर्ती हुई थी। उसने बताया कि उसके घर के कई सदस्य सेना में थे, जिन्हें देखकर देश के लिए वह भी सेना में आ गई। 1990 की बात होगी, जब उसने सेना ज्वाइन की थी। उस समय उसे और उसके साथियों को एक वक्त का खाना दिया जाता था। रहने के लिए एक छोटा सा कमरा था, जिसमें वह अन्य 10-12 महिला सैनिकों के साथ रहती थी। सामान रखने की एक छोटी सी रैक थी. रैक के ऊपर नार्थ कोरिया के शासकों का फोटो लगा रहता था।
ली सो योन ने बताया कि सारा दिन उनसे बेहिसाब काम कराया जाता था। सैनिकों के लिए खाना बनाने और साफ-सफाई जैसे काम महिलाओं को करने होते थे। पीने के लिए गंदा पानी मिलता था। रात में सोने के लिए चावल की भूसी के गद्दे दिए गए। जिनसे दुर्गंध आती रहती थी। अपनी दास्तां बयान करते वक्त पूर्व महिला सैनिक के चेहरे पर खौफ साफ दिखाई दे रहा था। उसने बताया कि महिलाओं से मजदूरों की तरह काम लिया जाता था। उनके साथ बार-बार शारीरिक शोषण और हिंसा भी की जाती थी। सेना में महिलाओं की हालत इतनी खराब थी कि पीरियड्स के दौरान उन्हें इस्तेमाल किए हुए सेनेटरी नैपकिन फिर से काम में लेने पड़ते थे।
कुपोषण के कारण महिलाओं के पीरियड्स समय से पहले ही बंद हो जाते थे। ऐसा होने पर महिलाएं शुक्र मनाती थीं, क्योंकि हर महीने की जिल्लत से अब उन्हें दोचार होना नहीं पड़ेगा। ली ने बताया कि महज छह महीने की नौकरी के बाद ही उसके पीरियड्स आने बंद हो गए थे। उसने बताया कि 10 साल की नौकरी में कभी भी ठीक तरह नहीं नहा पाई, क्योंकि नहाने के लिए बर्फीला पानी मिलता था, जो सीधा पहाड़ों से आता है। पानी में अक्सर सांप और मेंढक आ जाते थे।
ली सो योन ने बताया कि अक्सर ऐसा होता था कि उनका अधिकारी महिला सैनिकों को अपने कमरे में बुलाकर उनसे बलात्कार किया करता था। उसने बताया कि शोषण से तंग आकर उसने दो बार सेना से भागने की कोशिश की। एक बार वह पकड़ी गई और एक साल के लिए जेल हुई। दूसरी कोशिशि में वह कामयाब हो पाई। पूरी रात तैरकर उसने एक नदी पार की और किसी तरह चीन पहुंची।
यह हाल महिलाओं का ही नहीं बल्कि पुरुष सैनिकों का भी है। यहां के पुरुष सैनिक कुपोषण का शिकार हो रहे हैं। सैनिक सेना छोड़कर भाग रहे हैं। अभी पिछले सप्ताह उत्तर कोरिया की सेना से भागकर दक्षिण कोरिया आ रहे एक जवान को बचाया गया। जबकि दो अन्य को नार्थ कोरिया ने गोली मार दी थी। बचाए गए सैनिक को इलाज के लिए अस्पताल में भर्ती कराया गया। ऑपरेशन के दौरान जख्मी सैनिक की आंतों में से 11 इंच लंबे गोल कृमि समेत दर्जनों परजीवी निकाले। कुपोषण की निशानी है। बता दें कि उत्तर कोरिया का तानाशाह किम जोंग एक क्रूर शासक के तौर पर जाना जाता है। वह अपने दुश्मनों को इतनी क्रूरता के साथ सजा देता है कि देखना तो दूर सजा के बारे में सुनने वालों के भी रोंगटे खड़े हो जाएं।
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