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जम्मू कश्मीर: एनएन वोहरा के कार्यकाल में लगा चौथी बार राज्यपाल शासन, बना एक नया रिकार्ड
जम्मू कश्मीर में बुधवार को राज्यपाल शासन लग गया है. सीएम मुफ़्ती महबूबा के इस्तीफा देते है जम्मू कश्मीर में आठवीं बार राज्यपाल शासन लग गया है. जबकि राज्यपाल एन एन वोहरा के कार्यकाल में चौथी बार राष्ट्रपति शासन लगा है जो अपने आप में एक रिकार्ड बन गया. मंगलवार देर शाम बीजेपी के पीडीपी से समर्थन वापसी होते ही राज्य में राज्यपाल शासन लगने की उम्मीद पूरी लगने लगी.
राज्यपाल एन एन वोहरा के कार्यकाल में कब कब लगा राष्ट्रपति शासन
25 जून 2008 को एनएन वोहरा पहली बार जम्मू कश्मीर के राज्यपाल बनें थे. वोहरा के कार्यकाल में पहली बार और जम्मू कश्मीर में पांचवीं बार राज्यपाल शासन इसी साल लगा था. 2008 में जम्मू कश्मीर में कांग्रेस और पीडीपी की सरकार थी, लेकिन अमरनाथ मुद्दे पर बात ना बनने के कारण कांग्रेस ने समर्थन वापस ले लिया और गुलाम नबी आजाद की सत्ता अल्पमत में आ गई. 7 जुलाई 2008 को विधानसभा में विश्वासमत की वोटिंग से पहले ही गुलाम ने अपने पद के इस्तीफा दे दिया. जुलाई में सरकार गिरने के बाद जनवरी 2009 तक घाटी में राज्यपाल शासन लगा रहा. विधानसभा चुनावों के बाद उमर अब्दुल्ला की सरकार सत्ता में आई.
1-23 दिसंबर 2014 को जम्मू कश्मीर में हुए विधानसभा चुनावों के परिणाम घोषित किए गए. चुनावों के परिणाम आने के बाद एक बार फिर से कोई भी पार्टी विधानसभा में पूर्ण बहुमत साबित करने में विफल रही. हालांकि उमर अब्दुल्ला प्रदेश के कार्यवाहक मुख्यमंत्री बनें रहे. 7 जनवरी तक उमर के कार्यवाहक मुख्यमंत्री बनने के बाद राज्य में दोबारा राज्यपाल शासन लगाने की मांग की गई. उस समय वोहरा के कार्यकाल में दूसरी बार राज्यपाल शासन लगा.
2-करीब 3 महीने तक राज्यपाल शासन लगने के बाद घाटी में एक मार्च 2015 में मुफ्ती मुहम्मद सईद के नेतृत्व में बीजेपी और पीडीपी ने गठबंधन की सरकार बनाई. अब इसे जम्मू-कश्मीर की किस्मत कहें या कुछ और बीजेपी और पीडीपी का यह गठबंधन एक साल भी नहीं चल पाया और सात जनवरी, 2016 को सईद के निधन के कारण सरकार गिर गई. 9 जनवरी, 2016 को राज्यपाल एनएन वोहरा के समय में तीसरी बार और जम्मू-कश्मीर में सातवीं बार राज्यपाल शासन लागा दिया गया.
3-3 महीन के बाद एक बार फिर राज्य में 2016 में 4 अप्रैल को पीडीपी और बीजेपी ने गठबंधन की सरकार बनाई और महबूबा मुफ्ती ने सीएम पद की शपथ ली. कहा जाता है कि घाटी में महबूबा मुफ्ती की सरकार बनने के बाद हालात और भी ज्यादा तनावपूर्ण हो गए.
4 - 19 जून मंगलवार को बीजेपी महासचिव राम माधव ने स्पष्ट शब्दों में कहा कि लद्दाख और जम्मू-कश्मीर में विकास समेत कई मुद्दों पर बात ना बनने के कारण वह समर्थन वापस ले रहे हैं. बीजेपी के समर्थन वापस लेते ही घाटी में एक बार फिर से सरकार गिर गई और राज्यपाल शासन लागू कर दिया गया. यह चौथा मौका है जब वोहरा के कार्यकाल के दौरान घाटी में राज्यपाल शासन लागू किया गया हो. अब तक किसी भी राज्य में ऐसा नहीं हुआ है.
बता दें कि राज्यपाल एन एन वोहरा के कार्यकाल में जम्मू कश्मीर में चौथी बार राज्यपाल शासन लगा है. जो अब अपने आप में एक रिकार्ड बन गया है. एक ही राज्यपाल के कार्यकाल में पहली बार इतना ज्यादा राज्यपाल शासन लगा है. जम्मू कश्मीर की सरकार राज्यपाल एन एन वोहरा और ग्रहमंत्री राजनाथ सिंह की देखरेख में चलेगी.