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रांची : बहुचर्चित चारा घोटाले के चौथे मामले में रांची की एक विशेष सीबीआई अदालत में राजद सुप्रीमो लालू प्रसाद यादव की सजा पर बहस पूरी होने के बाद आज शनिवार को कोर्ट ने सजा का ऐलान कर दिया है।
चारा घोटाले के चौथे मामले में यहां की एक विशेष सीबीआई अदालत ने सोमवार (19 मार्च) को लालू प्रसाद समेत 19 लोगों को दोषी करार दिया था। आज वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिये दोषियों की सजा को लेकर फैसला सुनाई गई।
इस मामले में लालू को कोर्ट से अब तक का सबसे बड़ा झटका लगा है। कोर्ट ने चारा घोटाला के चौथे मामले में लालू प्रसाद यादव को 14 साल की सजा सुनाई है। इसके साथ ही उन्हें 60 लाख का जुर्माना भी देना होगा। कोर्ट ने लालू को आईपीसी और पीसी एक्ट की धाराओं के तहत सात-सात साल की सजा और 30-30 लाख का जुर्माना लगाया है।
जुर्माना नहीं भरने की सूरत में सजा की अवधि एक साल और बढ़ जाएगी। इस फैसले के बाद लालू यादव को अब तक 20 साल 6 महीने की सज़ा सुना दी गई है। लालू की तरफ से बचाव पक्ष के वकील ने कहा कि जैसे ही फैसले की कॉपी मिलती है वे फैसले के खिलाफ हाईकोर्ट में अपील करेंगे।
इससे पहले इस मामले में बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री जगन्नाथ मिश्रा को बरी कर दिया गया था। न्यायाधीश शिवपाल सिंह ने दिसंबर 1995 से जनवरी 1996 तक दुमका कोषागार से फर्जी तरीके से 3.13 करोड़ रुपये निकालने के मामले में यह फैसला सुनाया।
दरअसल चारा घोटाले का नियमित मामला 38 ए/96 दुमका कोषागार से 3 करोड़ 97 लाख रुपये की अवैध निकासी का है। इस मामले में लालू प्रसाद यादव और डा. जगन्नाथ मिश्र समेत 31 आरोपी थे। अदालत ने 19 मार्च को यादव समेत 19 आरोपियों को दोषी करार दिया जबकि डा.मिश्र समेत 12 को बरी कर दिया था।
इस मांमले में 23 मार्च को अदालत में पांच दोषियों की सजा पर सुनवाई हुई। दोषी राधा मोहन मंडल, राजाराम जोशी, सर्वेंद्र कुमार दास, रघुनंदन प्रसाद, राजेंद्र बगेरिया वीडियो कांफ्रेंसिग के जरिए कोर्ट में हाजिर हुए। इनकी ओर से अधिक उम्र,अधिक समय से मुकदमे का ट्रायल सहित कई बीमारियों का हवाला देते हुए कम सजा का अनुरोध किया गया।