- होम
- राज्य+
- उत्तर प्रदेश
- अम्बेडकर नगर
- अमेठी
- अमरोहा
- औरैया
- बागपत
- बलरामपुर
- बस्ती
- चन्दौली
- गोंडा
- जालौन
- कन्नौज
- ललितपुर
- महराजगंज
- मऊ
- मिर्जापुर
- सन्त कबीर नगर
- शामली
- सिद्धार्थनगर
- सोनभद्र
- उन्नाव
- आगरा
- अलीगढ़
- आजमगढ़
- बांदा
- बहराइच
- बलिया
- बाराबंकी
- बरेली
- भदोही
- बिजनौर
- बदायूं
- बुलंदशहर
- चित्रकूट
- देवरिया
- एटा
- इटावा
- अयोध्या
- फर्रुखाबाद
- फतेहपुर
- फिरोजाबाद
- गाजियाबाद
- गाजीपुर
- गोरखपुर
- हमीरपुर
- हापुड़
- हरदोई
- हाथरस
- जौनपुर
- झांसी
- कानपुर
- कासगंज
- कौशाम्बी
- कुशीनगर
- लखीमपुर खीरी
- लखनऊ
- महोबा
- मैनपुरी
- मथुरा
- मेरठ
- मिर्जापुर
- मुरादाबाद
- मुज्जफरनगर
- नोएडा
- पीलीभीत
- प्रतापगढ़
- प्रयागराज
- रायबरेली
- रामपुर
- सहारनपुर
- संभल
- शाहजहांपुर
- श्रावस्ती
- सीतापुर
- सुल्तानपुर
- वाराणसी
- दिल्ली
- बिहार
- उत्तराखण्ड
- पंजाब
- राजस्थान
- हरियाणा
- मध्यप्रदेश
- झारखंड
- गुजरात
- जम्मू कश्मीर
- मणिपुर
- हिमाचल प्रदेश
- तमिलनाडु
- आंध्र प्रदेश
- तेलंगाना
- उडीसा
- अरुणाचल प्रदेश
- छत्तीसगढ़
- चेन्नई
- गोवा
- कर्नाटक
- महाराष्ट्र
- पश्चिम बंगाल
- उत्तर प्रदेश
- राष्ट्रीय+
- आर्थिक+
- मनोरंजन+
- खेलकूद
- स्वास्थ्य
- राजनीति
- नौकरी
- शिक्षा
Archived
कर्नाटक में भाजपातंत्र मुख्यमंत्री तो येदुरप्पा ही रहेंगे
महेश झालानी
19 May 2018 2:09 AM GMT
x
B. S. Yeddyurappa
किसी जमाने मे कांग्रेस के सर पर यह भूत सवार था। आज वही भूत और नशा अमित मोदी तथा नरेंद्र शाह के सर पर सवार है।
जब किसी व्यक्ति को सत्ता का नशा होता है तो वह किसी भी हद तक गिर सकता है। नशे में चूर व्यक्ति सारी नैतिकता, मर्यादा और कानून-कायदों तक को अंगूठा दिखाने लगता है। किसी जमाने मे कांग्रेस के सर पर यह भूत सवार था। आज वही भूत और नशा अमित मोदी तथा नरेंद्र शाह के सर पर सवार है। जो कार्य पिछले 60 वर्षों में नही किये गए, इन दोनों ने चार साल में चुनाव आयोग, न्यायालय, मीडिया और राज्यपाल को पालतू कुत्ता बनाकर रख दिया है।
सत्ता के नशे में चूर इन दोनों भूखे भेडियो ने "सम्राट" बनने की धुन में एक नही कई राज्यो में लोकतंत्र की पीठ में नही छाती में ख़ंजर भोक कर उसकी अंत्येष्टि करदी। भाजपा कभी तर्क देती है कि सबसे बड़ी पार्टी को सरकार बनानी चाहिए तो कभी उसका कुतर्क होता है कि लार्जेस्ट पार्टी नही का फार्मूला वाहियात है। अमित मोदी और नरेंद्र शाह की कुत्सित सोच ने कई राज्यपालों को पालतू पिल्ला बनने को विवश कर दिया है। हालांकि राज्यपाल का पद संवैधानिक नही होकर खड़ाऊ पूजने वाला होता है।
कर्नाटक में भाजपा की अंतरराष्ट्रीय स्तर पर बुरी तरह से फजीहत हुई है। बावजूद इसके भाजपा नेता और दोनों पार्टनर अभी भी बेशर्मी के साथ कर्नाटक में येद्दयुरप्पा की सरकार को बचाने पर आमादा है। बच्चन में गणित पढ़ा था। टीचर ने बताया था कि 104 से 117 ज्यादा होते है। लेकिन हमारे देश के ये महान वैज्ञानिक इस तथ्य को झुठलाते हुए यह सिद्ध करने पर तुले हुए है कि 104 की संख्या 117 से ज्यादा होती है । इसे बेशर्मी कहे या पागलपन ?
बहरहाल आज 4 बजे दूध का दूध और पानी का पानी हो जाएगा। सम्भवना तो यह जाहिर की जा रही है कि येद्दयुरप्पा इस्तीफा देंगे। लेकिन जिनके दिमाग मे भूसा भरा पड़ा हो, वे सार्वजनिक रूप से अपनी फजीहत कराने पर आमादा है। एक बात तय है कि आज भले ही येदुरप्पा अपने मकसद में कामयाब नही हो पाए। लेकिन अंततः मुख्यमंत्री वही रहेंगे। दो चार महीनों बाद जिन विधयकों को आज सेव के भाव खरीदने पर विवश होना पड़ रहा था। कल वे आलू के भाव बिकने के लिए खुद ही मंडी में आ जाएंगे। लोकतंत्र की हत्या का मंजर देखने के लिए देशवासियो को फिर से तैयार रहना होगा।
महेश झालानी
Next Story