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बता दें कि गुजरात चुनाव के दौरान कांग्रेसी विधायकों को शिवकुमार ने ही कर्नाटक में पनाह दी थी.
नई दिल्ली : कर्नाटक में बीजेपी की सरकार गिर चुकी है और इसे कांग्रेस की अति सक्रियता और विशेष रणनीति का नतीजा बताया जा रहा है. इस कामयाबी को हासिल करने में कांग्रेस के जिन सक्रिय लोगों की भूमिका रही, उनमें डीके शिवकुमार पहले शख्स होंगे. बता दें कि गुजरात चुनाव के दौरान कांग्रेसी विधायकों को शिवकुमार ने ही कर्नाटक में पनाह दी थी.
बीएस येदियुरप्पा सदन में बहुमत परीक्षण में इसलिए नाकाम हो गए क्योंकि कांग्रेस के विधायकों को इधर-उधर नहीं किया जा सका. बीजेपी को बहुमत के लिए 7 अतिरिक्त विधायकों की जरूरत थी. कांग्रेस और जेडीएस ने अपने विधायकों को बीजेपी के खेमे से बचाए रखने लिए पूरी तरह से पहरा लगा रखा था. बीजेपी नेता काफी कोशिशें करके भी कांग्रेसी विधायकों को साधने में फेल होते नजर आए. जेडीएस और कांग्रेस के विधायकों को बचाकर रखने में डीके शिवकुमार में बड़ी भूमिका निभाई.
डीके शिवकुमार ने कांग्रेस और जेडीएस विधायकों तक बीजेपी की पहुंचने की रणनीति को फेल कर दिया. विधायकों को किस होटल में रखना है और उन्हें कैसे ले जाना और फिर लाना है, इसकी रणनीति शिवकुमार ने ही तय की.
कांग्रेस ने बीजेपी से अपने विधायकों को बचाने के लिए शुरू से ही तैयारी कर रखी थी. नतीजे आने के बाद 24 घंटे के अंदर ही कांग्रेस ने अपने विधायकों से हस्ताक्षर करा लिए. इसके बाद सभी विधायकों को अपने निगरानी में रखा. बीजेपी के पाले में जाने से बचाने के लिए कांग्रेस की ओर से डीके शिवकुमार ने विधायकों को कमान संभाली. उन्होंने पहले विधायकों को अपने रिजॉर्ट में रखा.
बीएस येदियुरप्पा के मुख्यमंत्री पद की शपथ लेने वाली रात में ही कांग्रेस ने अपने विधायकों को बस के जरिए हैदराबाद पहुंचाया. वहीं दिल्ली में बैठे कांग्रेसी नेताओं ने सुप्रीम कोर्ट में दस्तक देकर मामले को कानूनी लड़ाई में तब्दील कर दिया. इसके बाद सुप्रीम कोर्ट ने येदियुरप्पा को बहुमत साबित करने के लिए 24 घंटे का समय तय कर दिया.
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