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अब कर्नाटक विधानसभा चुनाव में देवगौड़ा के बेटे ने उड़ाई कांग्रेस की नींद, चुनावी हलचल तेज
कर्नाटक : कर्नाटक में चुनाव का बिगुल बज चूका है। इस चुनाव में बीजेपी और कांग्रेस जीत के लिए कोई कोर-कसर नहीं छोड़ना चाहती है। इसके लिए बीजेपी और कांग्रेस दोनों ने राजनीतिक दाव खेलना शुरू कर दिया है।
कर्नाटक में अभी चुनावी प्रचार-प्रसार के लिए सभी पार्टी जमकर पसीना बहा रही है। गुरुवार को कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी जब कर्नाटक के टुमकुर में रोड शो कर रहे थे। उसी वक्त जिला मुख्यालय से करीब 69 किलोमीटर दूर पूर्व पीएम एचडी देवगौड़ा के बेटे एचडी कुमारास्वामी अप्रैल की चिलचिलाती धूप में पार्टी के लिए कैंपेनिंग कर रहे थे।
इसमें गौर करने वाली बात ये है कि कैंपेनिंग के दौरान कुमारास्वामी अकेले थे। जेडीएस का कोई भी नेता उनके साथ नहीं था। कुमारास्वामी की रैली में न तो ग्लैमर था और न ही टेक्नोलॉजी। जैसा कि आमतौर पर राज्य की सत्ताधारी पार्टी कांग्रेस और बीजेपी की रैली में देखा जाता है। फिर भी उन्हें सुनने के लिए राहुल गांधी के रोड शो से ज्यादा भीड़ पहुंची थी। ऐसे में दोबारा सत्ता में आने की कोशिश में जुटी कांग्रेस की रातों की नींद उड़ गई है।
पूर्व पीएम एचडी देवगौड़ा के तीसरे बेटे एचडी कुमारास्वामी कर्नाटक की राजनीति में 'कुमारअन्ना' के नाम से जाने जाते हैं। कर्नाटक की राजनीति में कुमारास्वामी ऐसे खिलाड़ी हैं, जो अकेले जीत की लड़ाई लड़ने की तैयारी कर रहे हैं। बिना किसी के सहयोग और सलाह के वो आगे बढ़ रहे हैं।
साल 2006 में पारिवारिक कलह के बीच कांग्रेस-जेडीएस गठबंधन सरकार का तख्तापलट कर वो पहली बार राज्य के मुख्यमंत्री बने थे। 20 महीनों तक उन्होंने बीजेपी के साथ गठबंधन कर शासन किया। उस वक्त उन्हें कर्नाटक के पिछले 40 सालों के दौरान सबसे सुलभ मुख्यमंत्री माना जाता था।
दो महीने पहले सत्ताधारी कांग्रेस और मुख्य विपक्षी दल बीजेपी ये मानकर चल रहे थे कि जेडीएस से उसे कोई टक्कर नहीं मिलने वाली। लेकिन, जैसे जैसे चुनाव नजदीक आ रहे है चीजें बदल रही हैं। कुमारास्वामी लगातार सही दिशा में मेहनत कर रहे हैं। इससे कांग्रेस की चिंता बढ़ रही है। कुमारास्वामी को जनता का जैसा समर्थन मिल रहा है, उससे ओल्ड मैसूर में चीजें बदल सकती हैं। यहां गौड़ाओं की हमेशा से मजबूत पकड़ रही है।
बीजेपी भी दबी जुबान से ओल्ड मैसूर क्षेत्र में जेडी (एस) के लिए बड़ी जीत की उम्मीद कर रही है, क्योंकि ऐसा होने पर राज्य में कांग्रेस का कुल आंकड़ा कम हो जाएगा। कांग्रेस और जेडी(एस) के बीच करीब 75 विधानसभा सीटों पर सीधा मुकाबला है। कांग्रेस और बीजेपी बाकी हिस्सों में आमने-सामने हैं।
आपको बता दें कर्नाटक में विधानसभा की कुल 224 सीटें हैं, जिसमें बहुमत का आंकड़ा 113 है। कर्नाटक में 4.90 करोड़ कुल मतदाता हैं। कर्नाटक में एक ही चरण में 12 मई को वोट डाले जाएंगे और 15 मई को वोटों की गिनती होगी। इसी दिन परिणाम का ऐलान भी किया जाएगा।
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