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भारत में चाइल्ड पोर्नाेग्राफी से हो रही है स्थिति विस्फोटक

Majid Khan
5 Oct 2017 1:49 PM GMT
भारत में चाइल्ड पोर्नाेग्राफी से हो रही है स्थिति विस्फोटक
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मुर्शिद कमाल

प्राचीन सांस्कृतिक देश भारत आखिर किधर जा रहा है? इस देश की नैतिकता को क्या हो गया है। क्या सबब है कि गीता, कुरान, गुरूग्रंथ और बाइबिल पर हाथ रख कर कसम खाने वाले इंटरनेट पर नैतिकता केे लिबास उतारते जा रहे हैं। आज का दौर इंटरनेट का दौर है। ये ज्ञान का सबसे बड़ा जरिया है। मगर दूसरी ओर इंटरनेट का काला अध्याय भी है। जी हां, हम पोर्नोग्राफी और बच्चों से संबंधित यौन सामग्री की बात कर रहे हैं। आज कल ये इंटरन्नेटन् पर सबसे ज्यादा तलाश का विषय बन गया हन्ै। वर्तमान में जारी आंकड़ों के अनुसार भारत चाइल्टपोर्नोग्राफी का सबसे बड़ा अड्डा बन गया है। यहां इसके उपभोक्ता भी हैं और वितरक भी। यहां कम से कम खर्च पर फिल्में बन सकती हैं जो दुनिया केे किसी दूसरे देश में बन नहीं सकती। ये सब कुछ ऐसे वक्त हो रहा है जब देश 'में इंटरनेट पर इसी तरह की सामग्री को नियंत्रित करने की कोशिश जारी है और सुप्रीम कोर्ट आए दिन इस सिलसिल में नए नए निर्देश जारी कर रहा है। पिछले दिनों दिल्ली में एक ब्रिटिश नागरिक को नेत्रहीन बच्चों केे साथ यौनाचार करने केे आरोप में गिरफ्तार किया गया और आशंका जताई गई कि वह कोई पोर्न साइट चलाता था।


नेत्रहीन बच्चों केे साथ यौनाचार

पिछले दिनों दक्षिणी दिल्ली के आर के पुरम सेक्टर पांच में स्थित नेशनल एसोसिएशन फार दि ब्लाइंट(नेब) के हॉस्टल में तीन नेत्रहीन बच्चों केे साथ यौनाचार करने का एक मामला सामने आया। शिकायत मिलने के बाद पुलिस ने अभियुक्त ब्रिटिश नागरिक मरे डेनिसवार्ड के खिलाफ यौनशोषण की धारा के तहत मुकदमा दर्ज करकेे इसे गिरफ्तार कर लिया। पुलिस ने अभियुक्त को अदालत में पेश करकेे रिमांड पर ले लिया।


पुलिस ने विदेश मंत्रालय और ब्रिटिश दूतावास को भी ये जानकारी दी। दक्षिण जिला के डीसीपी पे्रम नाथ केे मुताबिक तहकीकात से पता चला कि पेडुफेलिया की बीमारी का शिकार अभियुक्त यौन संबंधी बीमारी से ग्रस्त है। इनके मुताबिक अभियुक्त पिछले नौ सालों से इस संस्थान से जुड़ा हुआ है औइ इसने संस्थान को लाखों स्पयों का दान दिया है। अभियुक्त के बारे में पता चला है कि वह वसंत विहार क्षेत्र में किराये केे मकाम में रहता था और गुरूग्राम की किसी कंपनी में कर्मचारी था। इसकी पत्नी और तीन बच्चे ब्रिटेन में रहते हैं। नेब को दान देने की वजह से वह अक्सर नेब में जाया करता था। यहीं तीसरी मंजिल में स्थित हॉस्टल में इसने तीन नेत्रहीन बच्चों को अपना यौन उत्पीडऩ का शिकार बनाया। पीडि़त बच्चों की उम्र 10 से 13 साल के बीच है और सभी दिल्ली के रहने वाले हैं और कक्षा आठ के छात्र हैं।


जांच में पता चला कि वह गुरुग्राम में एक निजी कंपनी में काम करता था। इस साल फरवरी में लकवा की बीमारी की वजह से इसके जिस्म के कुछ हिस्सों ने काम करना बंद कर दिया। सेहत खराब रहने की वजह से कंपनी ने इसे अप्रैल में नौकरी से निकाल दिया था। पुलिस ने जब इस के घर से मोबाइल फन और लेपटॉप को जब्त किया तो इनमें से बच्चों की कुछ आपत्तिजनक तस्वीरें बरामद हुई। इसी के साथ पुलिस ने संस्थान के सीसीटीवी फोटो ंको भी कब्जें में ले लिया। पुलिस को शक है कि इस ने कुछ बच्चों के साथा इस घटना से पहले भी ऐसा ही किया होगा। बच्चों के शारीरिक शोषण का अभियुक्त ब्रिटिश नागरिक पिछले दस साल से एसोसिएशन से जुड़ा हुआ था। वह सेवा के तौर पर बच्चों को अंग्रेजी बोलना और क्रिकेट आदि सिखाता था। इससे पहले किसी ने इस पर शक नहीं किया था और न ही इस के बारे में कोई शिकायत की थी।


याद रहे कि एसोसिएशन में 32 सीसीटीवी कैमरे हैं और कुछ जगहों पर कैमरे नहीं लगे हैं। नेशनल एसोसिएशन फॉर दी बलाइंड्ज़ के स्कूल में मैं 170 स्टूडेंट्स रहते हैं। इनमें 100 लड़के और 70 लड़कियां हैं। 100 छात्र सुबह हर रोज़ पढऩे के लिए आते हैं और वह दोपहर या शाम में वापस जाते हैं। इनमें से कुछ बच्चे अभिभावकों के साथ आते हैं। बहुत से ऑटो या दूसरे ज़रियों से आते हैं। संस्थान में बच्चों को सिखाया जाता है कि इन्हें अपने काम कैसे करने हैं। इन्हें कैसे जिंदा रहना है और कैसे खाना पीना है। इन का होमवर्क किया जाता है और इन्हें अधिक प्रशिक्षण दिया जाता है। इस घटना के बाद से एसोसिएशन ने तमाम स्वयंसेवियों के संस्थान में घुसने पर प्रतिबंध लगा दिया है। बच्चों के रवैये में अभी तक कोई तब्दीली नहीं आई है। इनके अभिभावक भी बहुत परेशान हैं।

सबसे आगे कौन?

आने वाले दिनों में अभियुक्त बनाए गए ब्रिटिश नागरिक के संबंध में कुछ और अहम खुलासे हो सकते हैं। मगर ताजा खबर यह है कि एक तरफ जहां सुप्रीम कोर्ट चाइल्ट पोर्नाेग्राफी पर सख्ती दिखा रहा है वहीं दूसरी ओर बच्चों अश्लील फिल्मों का भारत सबसे बड़ा बाजार बन गया है और हकूमत इसे नियंत्रित करने में बेबस नजर आ रही है। साइबर विशेषज्ञों के अनुसार देश में हर चालीस मिनट पर एक अश्लील वीडियो बनाया जाता है। इंटरनेट पर इस तरह की सामग्री अपलोड करने के मामले में केरल सबसे ऊपर है और हरियाणा देखने में सबसे ऊपर है। चौंकाने वाली बात यह है कि इस तरह की वीडियो ज्यादातर बच्चों से संबंधित है।
इस स्थिति को देखकर लगता है कि भारतीय समाज में बढ़ रहा बच्चों का यौनाचार स्थिति को विस्फोटकबना सकता है और बचपन को निगल सकता है।
(साभार नई दुनिया उर्दू वीकली)

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