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बीजेपी के 200 करोड़ का घोटाला उजागर करने वाले ईमानदार IAS अधिकारी को मिली सजा, जानकर रो देंगे आप!
शिव कुमार मिश्र
17 Sep 2017 10:19 AM GMT
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भोपाल: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी भले भ्रष्टाचार पर जीरो टॉलरेंस की बात करते हों मगर मध्य प्रदेश में भाजपा सरकार को ईमानदार अधिकारी पसंद नहीं हैं। मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान किसी ऐसे तेजतर्रार अफसर को नहीं बख्स रहे, जो पार्टी नेताओं के नाजायज दबाव बर्दाश्त नहीं करता। एसा नहीं है तो और क्या है?
शिवराज चौहान अपने राज मे एक-एक कर उन सभी अफसरों को हटा दे रहे, जो कि साहस दिखाकर घोटाले उजागर कर कार्रवाई की कोशिश करते हैं। पहले कटनी के एसपी गौरव तिवारी को सौ करोड़ का हवाला कारोबार एक्सपोज करने पर शिवराज ने हटाया तो जनता भी सड़क पर उतर पड़ी थी।
अब शिवराज ने पार्टी नेता के दबाव में भोपाल नगर निगम की कमिश्नर छवि भारद्वाज का तबादला कर दिया है। जिसके बाद मध्य प्रदेश की सियासत गरमा गई है। युवा आईएस छवि भारद्वाज की छवि तेजतर्रार अफसर की है। मगर उन्हें शिवराज सरकार में ईमानदारी की सजा मिली है।
क्या है पूरा मामला
मध्य प्रदेश के भोपाल नगर निगम में दो सौ करोड़ रुपये का घोटाला कमिश्नर छवि भारद्वाज ने पकड़ा था। सूत्र बताते थे कि महापौर आलोक शर्मा मामले को दबाना चाहते थे। यह घोटाला स्मार्ट पार्किंग और होर्डिंग्स के ठेके से जुड़ा था। मगर छवि भारद्वाज कार्रवाई को रोकने के पक्ष में नहीं थे। सूत्र बताते हैं इस पर मेयर ने मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान से शिकायत की। जिसके बाद ज्य सरकार ने भोपाल नगर निगम कमिश्नर छवि भारद्वाज को हटा दिया है, उनके स्थान पर टीकमगढ़ कलेक्टर प्रियंका दास को नगर निगम का नया कमिश्नर बनाया गया है। छवि भारद्वाज की नई पदस्थापना पर्यटन विकास निगम में बतौर प्रबंध संचालक की गई है। इसके शनिवार को देर शाम आदेश जारी कर दिए। इसके साथ ही चार आईएएस अफसरों के भी ट्रांसफर किए गए हैं।
नगर निगम कमिश्नर छवि भारद्वाज को हटाए जाने पर विपक्षी दल कांग्रेस ने मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान पर हमला बोला है। र नेता प्रतिपक्ष अजय सिंह ने कहा कि मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान भ्रष्टाचार के खिलाफ जीरो टॉलरेंस की बात करते हैं, लेकिन उनकी कथनी और करनी में अंतर एक बार फिर सामने आया है। भोपाल नगर निगम की वाहन शाखा में 200 करोड़ रुपये का घोटाला सामने लाने वाली आयुक्त छवि भारद्वाज को अचानक छुट्टी के दिन हटाना इस बात का प्रमाण है कि इस घोटाले में शामिल लोगों को मुख्यमंत्री बचाना चाहते हैं। उन्होंने कहा कि चाहे कटनी के पुलिस अधीक्षक गौरव तिवारी हों या सतना नगर-निगम के आयुक्त कथूरिया की पोस्टिंग हो, इन दोनों ईमानदार अफसरों को पहले भी हटाकर सीएम शिवराज ने संदेश दिया है कि वह भ्रष्टाचारियों का समर्थऩ करते हैं।
भ्रष्टाचार मुक्त देश की कल्पना को साकार करने का प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के सपने को हकीकत में बदलने पर प्रश्न चिन्ह उनके अपने ही खड़े कर देते है। जब जब कोई भ्रष्ट जांच मध्यप्रदेश में आती है तो तुरंत उस अधिकारी का तबादला कर दिया जाता है आखिर क्यों? यह सवाल हमेशा खड़ा रह जाता है। राजकाज फिर उसी पटरी पर चल पड़ता है लेकिन उत्तर आज तक नहीं मिला है नहीं आगे मिलने की उम्मीद दिखाई देती है।
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