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DIG हरीनारायणचारी मिश्रा ने बताया, 'हमने सूइसाइड नोट को जब्त कर लिया है। सूइसाइड नोट में उन्होंने मानसिक तनाव का जिक्र किया है लेकिन तनाव की वजह अभी साफ नहीं हो सकी है। हम मामले की जांच कर रहे हैं।
बता दें कि भय्यूजी राजनीति में गहरी पैठ रखते थे। हाल ही में शिवराज सरकार ने उन्हें राज्यमंत्री का दर्जा भी दिया था। हालांकि, उन्होंने मध्य प्रदेश सरकार के इस प्रस्ताव को स्वीकार नहीं किया था। उन्होंने कहा था कि संतों के लिए पद का महत्व नहीं होता। हमारे लिए लोगों की सेवा का महत्व है।
भय्यूजी महाराज को राजनीतिक रूप से ताकतवर संतों में गिना जाता था। उनका असली नाम उदयसिंह देशमुख था और उनके पिता महाराष्ट्र में कांग्रेस के दिग्गज नेता रहे हैं। उनका नाम तब चर्चा में आया था, जब भ्रष्टाचार विरोधी आंदोलन के दौरान भूख हड़ताल पर बैठे अन्ना हजारे को मनाने के लिए यूपीए सरकार ने उनसे संपर्क किया था।
बता दें कि भय्यूजी ने पहली पत्नी की मौत के बाद पिछले साल ही दूसरी शादी की थी। पहली पत्नी माधवी से उनकी एक बेटी भी है। पत्नी की मौत के बाद भय्यूजी पर आश्रम की ही किसी महिला के साथ कथित तौर पर संबंध का आरोप भी लगा था। उन्होंने पिछले साल 30 अप्रैल को आयुषी नामक महिला से दूसरी शादी रचा ली थी।
भय्यू महाराज का सदगुरु दत्त धार्मिक ट्रस्ट नाम का ट्रस्ट भी चलता है। उनका ट्रस्ट स्कॉलरशिप बांटता है, कैदियों के बच्चों पढ़ाता है। किसानों को खाद-बीज मुफ्त बांटता है। वहीं, मर्सडीज जैसी महंगी गाड़ियों में चलने वाले भय्यू महाराज रॉलेक्स ब्रांड की घड़ी पहनते थे। आलीशान भवन में रहते थे।