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ज्योतिरादित्य सिंधिया ने किये महाकाल के दर्शन, लेकिन घट गई उनके साथ बड़ी घटना

ज्योतिरादित्य सिंधिया ने किये महाकाल के दर्शन, लेकिन घट गई उनके साथ बड़ी घटना
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कांग्रेस के लोकसभा में मुख्यसचेतक और गुना से सासंद ज्योतिरादित्य सिंधिया सपरिवार महाकाल के दर्शन करने उज्जैन पहुंचे.

उज्जैन : कांग्रेस के लोकसभा में मुख्यसचेतक और गुना से सासंद ज्योतिरादित्य सिंधिया सपरिवार महाकाल के दर्शन करने उज्जैन पहुंचे. यहां पर उनके जूते चोरी हो गये. कांग्रेस के सीनियर नेता की जूते चोरी होने की खबर के बाद यहां हड़कंप मच गई.


आनन-फानन में चारों ओर जूते की तलाशी ली गई. कमरे-कमरे छान मारे गये. लेकिन चोर अपना काम कर चुका था. जूते किसी भी तरह नहीं मिले. इसके बाद ज्योतिरादित्य सिंधिया अपने परिवार के साथ करीब 300 मीटर तक तपते फर्श पर महाकाल के प्रवचन हॉल तक गये. ज्योतिरादित्य सिंधिया को यहां इतंजार करना पड़ा. तब तक कांग्रेस कार्यकर्ताओं ने बाजार से चप्पल खरीदी और अपने नेता को दिया.



इसके बाद सिंधिया चप्पल पहनकर आगे रवाना हुए. वह बड़े गणेश की मंदिर में पहुंचे और भगवान लंबोदर के दर्शन किये. इसके बाद ज्योतिरादित्य सिंधिया ज्योतिषाचार्य पंडित आनंद शंकर व्यास के यहां पहुंचे. सिंधिया ने उनका आशीर्वाद लिया. जूते चोरी की घटना पर पंडित आनंद शंकर ने कहा कि ये शुभ संकेत है. अब पनौती उतर गई है. अब आपके अच्छे दिन आने वाले है.


महाकाल के दर्शन के बाद सिंधिया केन्द्र और राज्य की बीजेपी सरकार पर भी बरसे. सिंधिया ने आरोप लगाया कि भाजपा नीत केन्द्र एवं मध्य प्रदेश सरकारों द्वारा बड़े-बड़े वादे करने के बाद भी देश की पवित्र नदियां गंगा, यमुना, नर्मदा एवं क्षिप्रा सहित अन्य नदियां आज दूषित हैं. सिंधिया ने कहा कि वे (केन्द्र एवं मध्यप्रदेश सरकार) नदियों की सफाई करने के बड़े-बड़े दावे करते हैं। लेकिन चाहे गंगा, यमुना, नर्मदा, चंबल एवं क्षिप्रा हों, ये सभी नदियां अब भी प्रदूषित हैं. गंदगी से नदियां भरी हुई हैं.


उन्होंने कहा कि प्रदेश की जनता इस सरकार के कुशासन एवं खोखले वादों से त्रस्त है. इससे पहले सिंधिया ने यहां कांग्रेस की जनआक्रोश सभा को भी संबोधित करते हुए कहा, ''हमने जब काम किया तो वह काम बहुत पक्का था. लोग अब इनके (भाजपा) खोखले वादों से तंग हो चुके हैं. जनता का आक्रोश सड़कों पर है.'' सिंधिया ने आरोप लगाया कि बलात्कार से लेकर भ्रष्टाचार के लिए सरकार कोई ठोस कदम नहीं उठा रही है.

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