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81 सीटों में से 73 सीटें जीतकर रचा इतिहास, बीजेपी का विजय रथ रोका

81 सीटों में से 73 सीटें जीतकर रचा इतिहास, बीजेपी का विजय रथ रोका
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कांग्रेस भले ही दूसरे राज्यों में हुए निकाय चुनावों में ज्यादा सफल ना हो पाई हो लेकिन नांदेड़ में उसने अपना दमखम दिखाया है। यहां हुए निकाय चुनावों में कांग्रेस ने शानदार जीत दर्ज कर अपना कब्जा बरकरार रखा है।
पार्टी पार्टी ने 81 में से 73 सीटों पर कब्जा किया है। राज्य निर्वाचन आयोग के एक अधिकारी ने बताया कि तकनीकी कारणों के कारण अभी भी 4 सीटों के परिणाम घोषित नहीं किए गए हैं, जिनके परिणाम आज घोषित किए जाएंगे। महानगरपालिका की 81 सीटों पर बुधवार को हुए मतदान में करीब 60 फीसद लोगों ने मतदान किया था।
भाजपा को महज 6 सीटें मिली हैं। वहीं शिवसेना को मात्र एक सीट से संतोष करना पड़ा। पूर्व मुख्यमंत्री और महाराष्ट्र कांग्रेस के अध्यक्ष अशोक चव्हाण ने मीडिया से बात करते हुए बताया, ' परिणाम इस बात की तस्दीक करते हैं कि भाजपा की वापसी यात्रा शुरू हो चुकी है। इन चुनावों में राकांपा और एआइएमआइएम का खाता भी नहीं खुल सका। नांदेड़ अशोक चव्हाण का इलाका है। उनके लिए यहां जीत दर्ज करना इसलिए भी अहम है, क्योंकि उन्होंने यहीं से जीतकर संसद का सफर तय किया था।
चव्हाण ने कहा कि पेट्रोल के बढ़ते दामों, किसानों की आत्महत्या और दोषपूर्ण कर्ज माफी प्रणाली के कारण उन्हें हो रही समस्याओं को लेकर लोगों में गंभीर असंतोष है। लोग मुख्यमंत्री (देवेंद्र फडनवीस) के खोखले दावे समझ गए हैं। वहीं महाराष्ट्र के श्रम मंत्री संभाजी पाटिल निलंगेकर ने गुरुवार को दावा किया था कि पार्टी का वोट प्रतिशत वर्ष 2012 के तीन फीसदी के मुकाबले इस बार 19 फीसदी तक बढ़ गया है। वह नांदेड़ में भाजपा के चुनाव प्रभारी भी थे।
बहरहाल, भाजपा की नई सहयोगी और महाराष्ट्र स्वाभिमान पक्ष (एमएसपी) नेता नारायण राणे ने भाजपा नेतृत्व को आत्मावलोकन करने की सलाह दी कि नांदेड़ नगर निकाय चुनाव में मुख्यमंत्री द्वारा कई चुनावी रैलियां किए जाने के बावजूद उसका प्रदर्शन इतना खराब क्यों रहा। उन्होंने इस बात को खारिज कर दिया कि इन परिणामों का असर 2019 के लोकसभा और विधानसभा चुनाव पर पड़ेगा। दो दशक पहले नांदेड नगर निकाय बनने के बाद से यहां कांग्रेस का ही शासन रहा है।
साल 2012 में हुए चुनाव में कांग्रेस ने 41 सीटें जीती थीं। शिवसेना ने 14 और एआइएमआइएम ने 11 सीटों पर कब्जा किया था। राकांपा के पास 10 सीटें थीं। नांदेड़ कांग्रेस का मजबूत गढ़ रहा है। दो दशक पहले जब महानगरपालिका का गठन हुआ था, तभी से यहां कांग्रेस का कब्जा है।
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