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मौलवी बोले, साढ़े 4-4 महीने गर्भधारण क्यों नहीं करते महिला-पुरुष?'

मौलवी बोले, साढ़े 4-4 महीने गर्भधारण क्यों नहीं करते महिला-पुरुष?
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पिछले दिनों एक नई हज पॉलिसी प्रस्तावित की गई है. इसके मुताबिक 45 से अधिक उम्र की महिलाएं चार या उससे अधिक के ग्रुप में बिना किसी पुरुष साथी के हज पर जा सकती हैं. हालांकि यह प्रस्ताव कई लोगों को हजम नहीं हो रहा है.
महाराष्ट्र के जमीयत उलेमा के सेक्रेटरी ने इस प्रस्ताव पर आपत्ति जाहिर करते हुए कहा है कि बराबरी की वकालत करने वाले पुरुषों को महिलाओं के साथ गर्भ भी साझा करना चाहिए. दोनों को 4.5-4.5 महीने की प्रेग्नेंसी कैरी करनी चाहिए.

उन्होंने कहा, "अगर बराबरी चाहिए तो महिलाएं और पुरुष साढ़े चार-चार महीने गर्भधारण क्यों नहीं करते हैं?" सूत्रों का कहना है कि केंद्र सरकार की एक कमिटी ने एक प्रस्ताव रखा है जिसमें 46 से अधिक उम्र की महिलाओं के लिए बिना पुरुषों के हज जाने की सिफारिश की गई है.
अफजल अमानुल्लाह की अध्यक्षता वाली इस कमिटी ने केंद्रीय माइनॉरिटी अफेयर्स मंत्री मुख्तार अब्बास नकवी को यह प्रस्ताव दिया है.
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