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सीबीआई के इस खुलासे ने खोल दी मोदी की ईमानदारी की पोल, सुनकर बीजेपी हैरान

सीबीआई के इस खुलासे ने खोल दी मोदी की ईमानदारी की पोल, सुनकर बीजेपी हैरान
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यूपीए ने ही नहीं मोदी सरकार में भी हुआ घोटाला दोनों बराबर के दोषी है.
देश के सबसे बड़े बैंकिंग घोटाले में आज सबसे बड़ी गिरफ्तारी हुई है. पीएनबी के जिस पूर्व डिप्टी मैनेजर गोकुलनाथ शेट्टी ने नीरव मोदी और मेहुल चौकसी को बिना कर्ज विदेश में लोन दिलाया था उसे मुंबई में गिरफ्तार किया गया है. शेट्टी के साथ पीएनबी के मनोज खारत और नीरव मोदी के आदमी हेमंत भट्ट को भी गिरफ्तार किया गया है. दोनों की पेशी मुंबई की स्पेशल सीबीआई कोर्ट में की जा रही है. लेकिन बड़ा सवाल ये है कि नीरव और मेहुल चौकसी की गिरफ्तारी कब और कैसे होगी.
इस बीच इस घोटाले को लेकर राजनीतिक माहौल गरमाया हुआ है. बीजेपी का कहना है कि पीएनबी घोटाला यूपीए के राज में हुआ. कांग्रेस कह रही है घोटाला तो एनडीए के राज में हुआ. और इन सब के बीच 11500 करोड़ का बैंक घोटाला करके भागे नीरव मोदी का कोई अता पता नहीं है.
CBI की FIR में खुलासा- 45 फीसदी घोटाला एनडीए राज में हुआ
दो दिन पहले तक घोटाले का ठीकरा यूपीए पर फोड़ने वाली बीजेपी के लिए तब जवाब देना मुश्किल होने लगा है. जब CBI की दूसरी FIR में NDA के राज में 4886 करोड़ के बैंक घोटाले की बात सामने आई. सीबीआई के अधिकारियों ने बताया है कि गीतांजलि कंपनी समूह के लिए जारी किए गए करीब 4,886 करोड़ रुपये के शेष 150 साखपत्र दूसरी FIR का हिस्सा हैं. यह दूसरी प्राथमिकी चोकसी और उसकी कंपनियां गीतांजलि जेम्स, नक्षत्र ब्रांड्स और गिली के खिलाफ कल दर्ज की गई थी. अधिकारियों ने बताया कि ये सभी साखपत्र वर्ष 2017-18 के दौरान जारी किए गए हैं.
बता दें कि पहली FIR में करीब 280 करोड़ रुपये के फर्जी लेन-देन के आठ मामले दर्ज हैं लेकिन बैंक से आगे प्राप्त हुई शिकायतों के आधार पर सीबीआई ने कहा है कि पहली FIR में अब करीब 6,498 करोड़ रुपये की राशि की जांच की जाएगी जो शेट्टी और खराट द्वारा कथित तौर पर फर्जी तरीके से 150 साख पत्र (लेओयू) जारी करने से जुड़ी है.

CBI की FIR में पता चलता है कि NDA के राज में 3032 करोड़ के फर्जी एलओयू और
1854 करोड़ के फर्जी लेटर ऑफ क्रेडिट जारी कर घोटाला किया गया
यानी कुल 4886 करोड़ के बैंक घोटाले की कहानी साल 2017 में रची-बुनी गई
विपक्ष ने पूछा- 'ना खाऊंगा, ना खाने दूंगा' के वादे का क्या हुआ?
इस घोटाले को लेकर विपक्ष लगातार प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर निशाना साध रहा है क्योंकि वो कहते थे कि काले धन और काले मन वाले सरकार से डरे हुए हैं. प्रधानमंत्री ने ये भी कहा था कि 'मैं आपके विश्वास और धन की चौकीदारी करूंगा.' लेकिन देश में हजारों करोड़ रुपए का बैंक घोटाला हो गया. विपक्ष पूछ रहा है कि 'ना खाऊंगा, ना खाने दूंगा' के वादे का क्या हुआ. क्योंकि सीबीआई की दूसरी एफआईआर में पता चला है कि 7 साल से 11500 करोड़ के बैंक घोटाले में नीरव मोदी और उसके साथियों ने करीब 45 फीसदी घोटाला एनडीए के राज में किया है.
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