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मुम्‍बई, सिलिगुड़ी और हजारीबाग में भारत यात्रा की जय-जय

मुम्‍बई, सिलिगुड़ी और हजारीबाग में भारत यात्रा की जय-जय
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नोबेल शांति पुरस्‍कार विजेता कैलाश सत्‍यार्थी ने मुम्‍बई के बर्सोवा में आज मेट्रो स्‍टेशन का उदघाटन किया। मेट्रो परिसर में ही जनसभा को संबोधित करते हुए उन्‍होंने महान शिवाजी को याद किया और महाराष्‍ट्र को बहादुरों की धरती बताया। उन्‍होंने कहा कि आज उन्‍हें यह अहसास हो रहा है कि शिवाजी की यह महान धरती बच्‍चों को सुरक्षित करने के लिए जाग गई है।
इस अवसर पर कन्‍याकुमारी के विवेकानंद शिला स्‍मारक से 11 सितंबर से आरंभ हुई अब तक की भारत यात्रा के महत्‍व पर प्रकाश डालते हुए उन्‍होंने कहा कि बाल अधिकारों की प्राप्ति की दिशा में इस भारत यात्रा के जरिए हमने काफी सफलताएं हासिल की हैं। उन्‍होंनेभारत के गृह मंत्री श्री राजनाथ सिंह की उस सार्वजनिक घोषणा और वायदे का जिक्र किया, जिसमें उन्‍होंने भारत की संसद में एंटी ट्रैफिकिंग कानून को जल्‍द ही पारित कराने की बात कही गई है। श्री सत्‍यार्थी ने सरकार के उस कदम की भी सराहना की, जिसमें भारत के हरेक सिनेमाघरों में 25-30 सेकंड की एक छोटी वीडियो फिल्म को दिखाने की बात कही गई है, जो बाल यौन शोषण के खिलाफ लोगों को जागरुक करने का काम करेगी।
नोबेल विजेता ने आंध्र प्रदेश के मुख्‍यमंत्री श्री चंद्रबाबू नायडू की भी सराहना की और कहा कि वे देश के पहले ऐसे मुख्‍यमंत्री हैं जिन्‍होंने न सिर्फ उनके साथ लम्‍बी पदयात्रा की बल्कि बाल मजदूरी के खिलाफ आंध्र प्रदेश में पॉलिसी भी बना रहे हैं। इस अवसर पर उन्‍होंने कर्नाटक हाई कोर्ट के मुख्‍य न्‍यायाधीश का भी जिक्र किया, जिन्‍होंने पॉक्‍सो के तहत लंबित मुकदमों को जल्‍द से जल्‍द निपटाने और राज्‍य के हरेक जिले में चाइल्‍ड फ्रेंडली कोर्ट बनाने का उनसे वायदा किया है। श्री सत्‍यार्थी ने दिल्‍ली पुलिस द्वारा बाल हिंसा को रोकने की दिशा में हुए कार्यकमों पर भी प्रकाश डाला और कहा कि मुम्‍बई पुलिस को भी इस दिशा में कुछ करने की जरूरत है। अपनी बात को आगे बढ़ाते हुए उन्‍होंने कहा कि ये सब चीजें और सफलताएं भारत को बच्‍चों के लिए सुरक्षित करने का काम करेंगी। उन्‍होंने भारत यात्रा से लोगों को जुड़ने का आह्वान किया और उनसे कहा कि वे प्रण करें कि किसी भी प्रकार की बाल हिंसा को वे अब बर्दाश्‍त नहीं करेंगे।
इस अवसर पर एक वीडियो फिल्म भी दिखाई गई, जिसमें महान अभिनेता अमिताभ बच्‍चन के बाल हिंसा को रोकने की दिशा में एक संदेश को प्रचारित और प्रसारित किया गया है। यहां मेट्रो स्‍टेशन के उद्घाटन समारोह के बाद नोबेल विजेता कैलाश सत्‍यार्थी ने बर्सोवा से भारत यात्रा के यात्रियों के साथ घाटकोपर तक की मेट्रो ट्रेन से यात्रा की। उनके साथ उनकी धर्मपत्‍नी श्रीमती सुमेधा कैलाश भी थीं। इस अवसर पर मुम्‍बई ट्रांसपोर्ट कमीशन के अध्‍यक्ष अभय मिश्रा और मुम्‍बई मेट्रो के सीईओ ने नोबेल विजेता को मुम्‍बई मेट्रो की फोटो का एक अलबम भी भेंट किया।
उधर सिलिगुड़ी में सुबह मुख्य चौक से एक रैली निकाली गई। इस रैली में सैकड़ों लोगों ने भाग लिया,जिसमें स्‍थानीय लोग, मुख्‍य यात्री, युवा, बच्‍चे और महिलाएं शामिल थीं। रैली का आयोजन सीआईआई और यंग इंडियन्‍स जैसी संस्‍थाओं ने किया था। रैली के बाद प्रयास स्‍कूल में एक कार्यक्रम का आयोजन किया गया, जिसमें सिलिगुड़ी मारवाड़ी महिला संघ की पदाधिकारियों ने बढ़-चढ़कर अपनी भागीदारी निभाई। इस कार्यक्रम का आयोजन मारवाड़ी महिला संघ ने किया था। यहां सीआईआई और यंग इंडियन्‍स के प्रोजेक्ट "मासूम" की गतिविधियों पर भी प्रकाश डाला गया और बताया गया कि किस तरह से "मासूम"बाल यौन शोषण के खिलाफ लोगों को जागरुक करने का काम कर रही है। कार्यक्रम में कैलाश सत्‍यार्थी चिल्‍ड्रेन्‍स फाउंडेशन (केएससीएफ) की सम्‍पूर्णा बोहरा और स्‍थानीय आयोजन समिति के सर्वश्री हेमंत अग्रवाल,विक्रम खांडोई और राजीव चक्रवर्ती ने प्रमुख रूप से भाग लिया।
झारखंड के हजारीबाग में सेंट कोलम्‍बस कॉलेज से टाउन हॉल तक एक रैली निकाली गई, जिसमें सैकड़ों लोगों ने भाग लिया। इस रैली में स्‍थानीय स्‍कूल के बच्‍चों,शिक्षकों, स्‍थानीय लोगों, युवाओं और महिलाओं ने बढ़-चढ़कर भाग लिया। रैली में बाल यौन शोषण और दुर्व्‍यापार के खिलाफ जोर-जोर से नारे लगाते बच्‍चों के उत्‍साह को देखना उल्‍लेखनीय रहा। रैली के बाद टाउन हॉल मे एक जनसभा का आयोजन किया गया। जनसभा को संबोधित करते हुए झारखंड बाल अधिकार संरक्षण आयोग की सदस्‍य श्रीमती आरती कुजूर ने श्री सत्यार्थी के प्रयास से पारित आईएलओ कन्‍वेंशन 182 का जिक्र किया, जिसके जरिए पूरी दुनिया से बाल मजदूरी पर रोक लगाने की बात की जाती है। श्रीमती कुजूर ने इस अवसर पर झारखंड में बाल हिंसा पर रोक लगाने के लिए उठाए गए कदमों पर भी प्रकाश डाला। उन्‍होंने यहां भारत यात्रा से जुड़ने का भी लोगों से आह्वान किया।
जनसभा को भारत यात्रा की झारखंड आयोजन समिति के सदस्‍य श्री अर्जुन कुमार, झारखंड राज्‍य बाल श्रमिक आयोग की पूर्व अध्‍यक्ष श्रीमती शांति किंडो, जिला समाज कल्‍याण पदाधिकारी श्रीमती वीणा सिंह, नवभारत जागृति केंद्र के सचिव श्री गिरिजा सतीश और हजारीबाग बाल कल्‍याण समिति के अध्‍यक्ष, श्रम पवर्तन अधिकारी और हजारीबाग के श्रम अधीक्षक ने भी संबोधित किया। इन सभी वक्‍ताओं ने सुरक्षित बचपन सुरक्षित भारत के महत्‍व पर प्रकाश डाला और बाल अपराधों को रोकने की दिशा मे चुप्‍पी को तोड़ने और भय को अपने मन से निकालने की जरूरत पर बल दिया। यहां नुक्‍कड़ नाटक का भी आयोजन किया गया,जो बाल यौन शोषण और बाल दुर्व्‍यापार को रोकने पर आधारित था। हजारीबाग में कार्यक्रम के समापन के बाद भारत यात्रा का कारवां अगले दिन के कार्यक्रम के लिए गिरीडिह के लिए रवाना हो गया।
कन्‍याकुमारी से 11 सितंबर, 2017 को शुरू हुई भारत यात्रा 22 राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों से गुजरते हुए 11,000 किलोमीटर की दूरी तय करेगी। 16 अक्टूबर को इसका समापन दिल्ली में होगा। कन्याकुमारी से शुरू होने वाली मुख्य यात्रा के समानांतर 6 और यात्राएं भी इसके साथ होंगी जो देश के छह अलग-अलग हिस्सों से शुरू होकर मुख्य यात्रा में मिल जाएंगी। ये समानांतर यात्राएं श्रीनगर, गुवाहाटी, चैन्नई, भुवनेश्वर, कोलकाता और अहमदाबाद से शुरू होंगी। इस यात्रा के जरिए 1 करोड़ लोगों से सीधे सम्पर्क का लक्ष्‍य रखा गया है।
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